Advance Chemistry : ऑक्सीकरण अपचयन अभिक्रियाएं या रेडॉक्स अभिक्रियाएं (Oxidation-Reduction reaction or Redox reaction)

Wednesday, December 16, 2020

ऑक्सीकरण अपचयन अभिक्रियाएं या रेडॉक्स अभिक्रियाएं (Oxidation-Reduction reaction or Redox reaction)

ऑक्सीकरण अपचयन अभिक्रियाएं या रेडॉक्स अभिक्रियाएं (Oxidation-Reduction reaction or Redox reaction)
जिन अभिक्रियाओं में ऑक्सीकरण तथा अपचयन एक साथ संपन्न होते हैं उन अभिक्रियाओं को रेडॉक्स अभिक्रियाये या ऑक्सीकरण-अपचयन अभिक्रियाए कहा जाता है|
 जैसे-
2HgCl2 + SnCl2 ----> Hg2Cl2 + SnCl4
इस अभिक्रिया में HgCl2 का अपचयन हो रहा है जबकि SnCl2 ऑक्सीकृत हो रहा है| इस प्रकार यह एक रेडॉक्स अभिक्रिया है|
ऑक्सीकरण तथा अपचयन की इलेक्ट्रॉनिक संकल्पना-

ऑक्सीकरण-
इस संकल्पना के अनुसार ऑक्सीकरण वह प्रक्रम है जिसमें कोई परमाणु अणु या आयन एक या अधिक इलेक्ट्रॉनों का त्याग करता है| इलेक्ट्रॉनों का त्याग करने के बाद प्राप्त स्पीशीज में या तो धन आवेश की वृद्धि होती है या ऋण आवेश में कमी होती है|
 जैसे-
H    ---->  H+    +     e´
Cu   ---->  Cu2+    +   2e´
Fe2+    ---->  Fe3+    +   3e´
Sn2+    ---->  Sn4+    +   2e´
Cl´   ---->  Cl   +     e´

अपचयन -
इस संकल्पना के अनुसार अपचयन वह प्रक्रम है जिसमें कोई परमाणु अणु या आयन एक या अधिक इलेक्ट्रॉनों को ग्रहण करता है| इलेक्ट्रॉनों को ग्रहण  करने के बाद प्राप्त स्पीशीज में या तो धन आवेश की कमी होती है या ऋण आवेश में वृद्धि होती है|
 जैसे-
H+    +     e´ ----->  H 
Cu2+    +   2e´ -----> Cu 
 Fe3+    +   e´ ------> Fe2+
Sn4+    +   2e´ ----> Sn2+
Cl2 + 2e´   ---->  2Cl´


ऑक्सीकरण तथा अपचयन एक साथ संपन्न होते हैं और एक दूसरे के पूरक होते हैं जैसे-
2Mg  +  O2  ----->  2MgO 
इलेक्ट्रॉनिक संकल्पना के अनुसार इस अभिक्रिया में मैग्नीशियम ऑक्सीजन को इलेक्ट्रॉन दे रहा है, जबकि ऑक्सीजन मैग्नीशियम से इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर रहा है| अतः मैग्नीशियम का ऑक्सीकरण हो रहा है, जबकि ऑक्सीजन का अपचयन हो रहा है|
Mg  ---->  Mg2+    +   2e´      
2Mg  ---->  2Mg2+    +   4e´

O  + 2e´  -----> O´´
O2  + 4e´  -----> 2O´´
एक रेडॉक्स अभिक्रिया को निम्न प्रकार भी परिभाषित किया जा सकता है-
         वह अभिक्रिया जिसमे एक अभिकारक से किसी दूसरे अभिकारक को इलेक्ट्रॉनों का स्थानांतरण किया जाता है ऑक्सीकरण - अपचयन अभिक्रिया या रेडॉक्स अभिक्रिया कहलाती है| 
       जो पदार्थ ऑक्सीकृत होता है वह किसी अन्य पदार्थ को इलेक्ट्रॉन देकर उसे अपचयित होने के लिए बाध्य करता है| अतः स्वयं ऑक्सीकृत होने वाला कोई पदार्थ एक अपचायक की भांति कार्य करता है| इसी प्रकार जो पदार्थ अपचयित होता है वह किसी अन्य पदार्थ से इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर उसे ऑक्सीकृत होने के लिए बाध्य करता है इस प्रकार अपचयित होने वाला पदार्थ एक ऑक्सीकारक की भांति कार्य करता है| दूसरे शब्दों में ऑक्सीकारक वह पदार्थ है जो इलेक्ट्रॉनों को ग्रहण करता है, एवं अपचायक वह पदार्थ है जो इलेक्ट्रॉनों को त्यागता है|

ऑक्सीकरण तथा अपचयन अर्द्धअभिक्रियाएं-
एक रेडॉक्स अभिक्रिया में ऑक्सीकरण तथा अपचयन प्रक्रम एक साथ संपन्न होते हैं| अतः रेडॉक्स अभिक्रिया को व्यक्त करने वाली रासायनिक समीकरण को दो अर्द्धसमीकरणों में विभाजित किया जा सकता है| एक अर्द्धसमीकरण ऑक्सीकरण प्रक्रम को तथा दूसरी अर्द्धसमीकरण अपचयन प्रक्रम को निरूपित करती है| इस प्रकार प्रत्येक समीकरण एक अर्द्धअभिक्रिया को निरूपित करती है|
जैसे -
एक रेडॉक्स अभिक्रिया, 
Zn(s) + Cu2+(aq) -----> Zn2+(aq) + Cu को निम्न प्रकार से दो अर्द्धसमीकरणों में विभाजित किया जा सकता है-
Zn(s) -----> Zn2+(aq) + 2e´ (ऑक्सीकरण अर्द्धअभिक्रिया)

Cu2+(aq) + 2e´ -----> Cu ( अपचयन अर्द्धअभिक्रिया)



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