Advance Chemistry : इलेक्ट्रोड विभव (Electrode potential )

Sunday, December 20, 2020

इलेक्ट्रोड विभव (Electrode potential )

इलेक्ट्रोड विभव (Electrode potential )
एक विलयन में उपस्थित स्वयं के आयनों के संपर्क में स्थित एक इलेक्ट्रोड की इलेक्ट्रॉनों को त्यागने की या इलेक्ट्रॉनों को ग्रहण करने की प्रवृत्ति को उस इलेक्ट्रोड का इलेक्ट्रोड विभव कहा जाता है|
       जब एक धातु को उसके स्वयं के आयनों के संपर्क में रखा जाता है तो उसमें प्रायः इलेक्ट्रॉनों को त्यागने की या ग्रहण करने की प्रवृत्ति होती है| माना कि एक धातु M अपने आयनों Mn+ के संपर्क में है| इस प्रकरण में निम्न तीन संभावनाएं हो सकती हैं-
संभावना 1- एक धातु आयन, Mn+ इलेक्ट्रोड से टकराये और किसी में कोई परिवर्तन न हो, अर्थात इलेक्ट्रोड पर न तो ऑक्सीकरण और न ही अपचयन अभिक्रियाएं संपन्न होती हैंं तो उस पर कोई विभव उत्पन्न नहीं होता है| उस इलेक्ट्रोड को शून्य इलेक्ट्रोड या नल इलेक्ट्रोड कहा जाता है| 
संभावना 2 - इलेक्ट्रोड पर उपस्थित एक धातु परमाणु n इलेक्ट्रॉनों को त्यागकर Mn+ आयन के रूप में विलयन में चला जाए अर्थात धातु परमाणु ऑक्सीकृत हो जाए|
M(s) ----> Mn+(aq) + ne´
इस प्रकरण में इलेक्ट्रोड पर एक ऋणात्मक विभव उत्पन्न हो जाता है| इस प्रकार उत्पन्न विभव को ऑक्सीकरण विभव कहा जाता है तथा इलेक्ट्रोड निकाय को एक ऑक्सीकरण इलेक्ट्रोड कहा जाता है|
ऑक्सीकरण विभव को Eoxi या EM/Mn+ से प्रदर्शित किया जाता है|
 संभावना 3 - एक धातु आयन इलेक्ट्रोड से टकराकर उससे n इलेक्ट्रॉनों को ग्रहण करें तथा एक उदासीन धातु परमाणु M  में परिवर्तित हो जाए अर्थात धातु आयन अपचयित हो जाए|
Mn+(aq) + ne´------> M(s)
       इस प्रकरण में इलेक्ट्रोड पर एक धनात्मक विभव उत्पन्न हो जाता है| इस प्रकार उत्पन्न विभव को अपचयन विभव कहा जाता है तथा इलेक्ट्रोड निकाय को एक अपचयन इलेक्ट्रोड कहा जाता है|
        अपचयन विभव को Ered या EMn+/M से प्रदर्शित किया जाता है|

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