(Nernst Equation )
जब एक इलेक्ट्रोड निकाय मानक अवस्था (अर्थात आयनों का सांद्रण=1mol/L, T=298K तथा गैस का दाब=1atm) में स्थित होता है तो इसके मानक इलेक्ट्रोड विभव का मान सीधे विद्युतरासायनिक श्रेणी से प्राप्त किया जा सकता है| लेकिन यदि इलेक्ट्रोड निकाय मानक अवस्था में स्थित नहीं है (अर्थात इसका ताप 298K से भिन्न है, आयनों का सांद्रण 1mol/L नहीं है तथा गैस का दाम 1atm से भिन्न है) तो इसके इलेक्ट्रोड विभव को सीधे विद्युत रासायनिक श्रेणी से प्राप्त नहीं किया जा सकता है| इस प्रकार की स्थिति में इलेक्ट्रोड निकाय के इलेक्ट्रोड विभव के मान की गणना एक महत्वपूर्ण समीकरण की सहायता से की जाती है इस समीकरण को नर्स्ट समीकरण कहा जाता है|
नर्स्ट समीकरण इलेक्ट्रोड विभव तथा इलेक्ट्रोड निकाय के ताप एवं निहित स्पीशीज के सांद्रण के मध्य एक संबंध स्थापित करती है| एक अपचयन इलेक्ट्रोड के लिए नर्स्ट समीकरण को निम्न प्रकार से व्यक्त किया जा सकता है-
E=E°-RT/nF loge[अपचयित अवस्था]/[ऑक्सीकृत अवस्था]
जहाँ,
E= इलेक्ट्रोड निकाय का अपचयन विभव
E°= उसी इलेक्ट्रोड निकाय का मानक अपचयन विभव
R= गैस स्थिरांक = 8.314J/Kmol
T= इलेक्ट्रोड निकाय का ताप
F= एक फैराडे = 96500 कूलम्ब
n= इलेक्ट्रोड पर संपन्न अपचयन प्रक्रिया में ऑक्सीकृत अवस्था के 1 मोल द्वारा अपचयित अवस्था में परिवर्तित होने के लिए ग्रहण किए गए इलेक्ट्रॉनों के मोलों की संख्या
[अपचयित अवस्था] = अपचयित होने वाले पदार्थ का सांद्रण
[ऑक्सीकृत अवस्था] = अपचयन से प्राप्त पदार्थ का सांद्रण
जैसे -अभिक्रिया
Mn+(aq) + ne´ ----> M(s) के लिए
EMn+/M = E°Mn+/M - RT/nF loge [M(s)] / [Mn+(aq)]
चूँकि एक ठोस के सांद्रण को इकाई माना जाता है अर्थात [M(s)] = 1
अतः,
Question - निम्न अभिक्रिया के लिए E.M.F. की गणना कीजिये
Mg/Mg2+(0.001M) // Cu2+(0.0001)/Cu
(दिया है = E° = 2.71V)
Solution -
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