(1) हैलोएल्केन से (हॉफमैनअमोनोलिसिस )
जब हैलोएल्केन को एक बंद नली में अमोनिया के एल्कोहलिक विलयन के साथ 373K पर गर्म किया जाता है तो प्राथमिक, द्वितीयक, तृतीयक एमीन एवं चतुर्थक लवण का एक मिश्रण प्राप्त होता है| इस अभिक्रिया को हॉफमैन अमोनोलिसिस कहते हैं|
373K/ -HX
RX + NH3 ---------------> RNH2
+RX / -HX
RNH2 ---------------> R2NH
+RX / -HX
R2NH ---------------> R3N
+RX / -HX
R3N ---------------> R4NX
(2) नाइट्रोयौगिकों के अपचयन द्वारा-
एेलिफेटिक तथा ऐरोमैटिक दोनों प्रकार के ऐमीन का निर्माण Sn/HCl, LiAlH4 या हाइड्रोजन(Ni,Pt या Pd की उपस्थिति में) नाइट्रो यौगिकों के अपचयन द्वारा किया जा सकता है|
Ni या Pt
CH3NO2 + 3H2 -------->CH3NH2 + 2H2O
(3) सायनाइड तथा आइसोसायनाइड के अपचयन द्वारा-
एेलिफेटिक तथा ऐरोमैटिक दोनों प्रकार के ऐमीन का निर्माण Sn/HCl, LiAlH4 या हाइड्रोजन(Ni,Pt या Pd की उपस्थिति में) सायनाइड तथा आइसोसायनाइड के अपचयन द्वारा किया जा सकता है|
Ni या Pt
CH3CN + 4H ----------->CH3NH2
Ni या Pt
CH3NC + 4H --------->CH3NHCH3
(4) हॉफमैन ब्रोमामाइड अभिक्रिया द्वारा-
इस विधि में किसी प्राथमिक एमाइड की क्रिया ब्रोमीन तथा कास्टिक पोटाश(KOH) से की जाती है जिससे प्राथमिक ऐमीन प्राप्त होता है| इसमें एमाइड की तुलना में एक कार्बन परमाणु कम हो जाता है|
CH3CONH2 + Br2 + 4KOH ----> CH3NH2 + K2CO3 + 2KBr + 2H2O
(5) गैब्रियल थैलीमाइड अभिक्रिया द्वारा-
इसमें थैलीमाइड को सर्वप्रथम एल्कोहलिक KOH के साथ गर्म करते हैं जिससे पोटेशियम थैलीमाइड प्राप्त होता है| जिसकी क्रिया उपयुक्त एल्किल हैलाइड से कराने पर N- ऐल्किलथैलीमाइड प्राप्त होता है| इसको उच्च दाब पर तनु HCl द्वारा जल अपघटन करने से संगत प्राथमिक ऐमीन प्राप्त होता है|
(6) नाइट्रोबैंजीन से-
नाइट्रोबेंजीन का उपयुक्त अपचायक की उपस्थिति में अपचयन कराने से ऐनिलिन प्राप्त किया जा सकता है|
CuO
C6H5NO2 + 6H -------------> C6H5NH2 + 2H2O
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