ऐमीन्स को अमोनिया के ऐसे व्युत्पन्न माना जा सकता है जिनमें अमोनिया के एक या अधिक हाइड्रोजन परमाणुओं को एल्किल समूह से प्रतिस्थापित किया गया हो| इस प्रकार ऐमीन अमोनिया के एल्किल व्युत्पन्न हैं|
-H, +R -H, +R
NH3 -----------> R-NH2 ---------->
-H, +R
R2NH ----------> R3N
जहां R एक एल्किल समूह है|
एेमीन का वर्गीकरण-
(A) अमोनिया अणु से एल्किल समूहों द्वारा विस्थापित H-परमाणु की संख्या के आधार पर-
इस आधार पर ऐमीन प्राथमिक(1°), द्वितीयक(2°) तथा तृतीयक(3°) के रूप में बांटे जा सकते हैं-
(1) प्राथमिक या प्राइमरी(1°) ऐमीन-
जिन कार्बनिक यौगिकों में क्रियात्मक समूह के रूप में -NH2 समूह उपस्थित रहता है उन्हें प्राथमिक या प्राइमरी या 1° ऐमीन कहा जाता है| इनका सामान्य सूत्र R-NH2 है|
जैसे - CH3-NH2, C2H5-NH2
(2) द्वितीयक या सैकेंडरी(2°) ऐमीन-
जिन कार्बनिक यौगिकों में क्रियात्मक समूह के रूप में -NH- समूह(इमिनो समूह) उपस्थित रहता है उन्हें द्वितीयक या सैकेंडरी या 2° ऐमीन कहा जाता है| इनका सामान्य सूत्र R2NH है|
जैसे - CH3-NH-CH3,
C2H5-NH-CH3
(3) तृतीयक या टर्शयरी(3°) ऐमीन-
जिन कार्बनिक यौगिकों में क्रियात्मक समूह के रूप में >N- समूह उपस्थित रहता है उन्हें तृतीयक या टर्शयरी या 3° ऐमीन कहा जाता है| इनका सामान्य सूत्र R3N है|
जैसे - (CH3)3N, (C2H5)3N
चतुर्थक अमोनियम यौगिक-
ये यौगिक अमोनियम लवणों के ऐसे व्युत्पन्न हैं जिनमें अमोनियम आयन(NH4+) के चारों हाइड्रोजन परमाणु को एल्किल या एरिल समूहों द्वारा विस्थापित किया गया होता है| इस प्रकार सामान्य सूत्र R4NX प्रकार के यौगिकों को चतुर्थक अमोनियम यौगिक कहा जाता है|
जैसे - [R4N]X
(B) नाइट्रोजन परमाणु से जुड़े समूहों की प्रकृति के आधार पर-
इस आधार पर ऐमीन को एेलिफैटिक ऐमीन तथा एेरोमैटिक ऐमीन में बांटा जा सकता है|
(1) एेलिफैटिक ऐमीन-
जिन ऐमीन में नाइट्रोजन परमाणु एक या अधिक समान या भिन्न प्रकार के एल्किल समूह से जुड़ा रहता है, उन्हें ऐलिफैटिक ऐमीन कहा जाता है| यह प्राथमिक, द्वितीयक या तृतीयक हो सकते हैं|
जैसे- CH3-NH2, C2H5-NH2
CH3-NH-CH3,
C2H5-NH-CH3
(2) एेरोमैटिक ऐमीन-
इन ऐमीनो में एक या अधिक एेरिल समूह भी जुड़े होते हैं|
ये ऐमीन निम्न दो प्रकार के होते हैं-
(a) एेरिल एेमीन-
जिन ऐमीन में नाइट्रोजन परमाणु एक या अधिक समान या भिन्न प्रकार के ऐरिल समूहों से जुड़ा रहता है उन्हें एरिल ऐमीन कहा जाता है|
जैसे- C6H5-NH2
C6H5-NH-C6H5
(b) एरिलएल्किलऐमीन-
जिन ऐमीन में नाइट्रोजन परमाणु समान या भिन्न प्रकार की एक या अधिक एेरोमैटिक रिंग की पार्श्व श्रृंखलाओं से जुड़ा रहता है उन्हें एरिलएल्किलऐमीन कहा जाता है|
जैसे - C6H5-CH2-NH2
C6H5-CH2-NH-CH2-C6H5
ऐमीन का नामकरण-
(A) एेलिफैटिक ऐमीन का नामकरण-
(1) सामान्य पद्धति-
इस पद्धति में एेलिफैटिक एेमीन का नामकरण एेल्किलऐमीन तथा ऐमीनोएल्केन के रूप में किया जाता है| किसी ऐमीन का सामान्य नाम एक एकल सतत शब्द के रूप में लिखा जाता है|
नाम को निम्न प्रकार लिखा जाता है-
जैसे -
CH3-NH2
Methylamine or Aminomethane
CH3-CH2-CH2-NH2
n-propylamine or 1-Aminopropane
(CH3)3-N
Trimethylamine or N,N-dimethylaminomethane
(2) I.U.P.A.C. पद्धति -
इस पद्धति में ऐमीन का नामकरण एेल्कानामीन(Alkanamine) के रूप में किया जाता है| आईयूपीएसी नाम प्राप्त करने के लिए पितृ एल्केन के अंग्रेजी नाम में से अंतिम 'e' को हटाकर अनुलग्न ऐमीन जोड़ा जाता है|
जैसे -
CH3-NH2
Methanamine
CH3-CH2-NH2
Ethanamine
CH3-CH2-CH2-NH2
Propan-1-amine
(B) एेरोमैटिक ऐमीन का नामकरण-
सामान्य पद्धति
सामान्य पद्धति में एेरोमेटिक ऐमीन का नामकरण ऐरिलऐमीन के रूप में किया जाता है| उपस्थित ऐरिल समूह के नाम में अनुलग्न ऐमीन(amine) जोड़कर यह नाम प्राप्त किया जाता है|
सरलतम ऐरोमैटिक ऐमीन फेनिलएेमीन C6H5NH2 है| सामान्य रूप से इसे ऐनिलीन कहा जाता है| अन्य सरल ऐरिलऐमीन को प्रायः एेनिलीन के व्युत्पन्नों के रूप में नामित किया जाता है| जैसे-
I.U.P.A.C.पद्धति-
I.U.P.A.C.पद्धति में सरलतम ऐरिलऐमीन C6H5NH2 को बेंजीनामीन(Benzenamine) के रूप में व्यक्त किया जाता है| अन्य ऐरिलऐमिन को बैंजीनामीन के व्युत्पन्नों के रूप में नामित किया जाता है| रिंग पर उपस्थित अन्य प्रतिस्थापन्नो की स्थितियों को उपयुक्त अंको द्वारा निरूपित किया जाता है| जैसे-
ऐरिलऐल्किलऐमीन को एेलिफेटिक ऐमीन के व्युत्पन्नों के रूप में नामित किया जाता है| ऐरिल समूह की स्थिति को एक उपयुक्त अंक द्वारा निरूपित किया जाता है
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