Advance Chemistry : ऐमीन्स(Amines)

Sunday, November 8, 2020

ऐमीन्स(Amines)

       ऐमीन्स(Amines)
ऐमीन्स को अमोनिया के ऐसे व्युत्पन्न माना जा सकता है जिनमें अमोनिया के एक या अधिक हाइड्रोजन परमाणुओं को एल्किल समूह से प्रतिस्थापित किया गया हो| इस प्रकार ऐमीन अमोनिया के एल्किल व्युत्पन्न हैं|
          -H, +R                -H, +R
NH3 -----------> R-NH2 ----------> 
            -H, +R
R2NH ----------> R3N 
जहां R एक एल्किल समूह है|

एेमीन का वर्गीकरण-
(A) अमोनिया अणु से एल्किल समूहों द्वारा विस्थापित H-परमाणु की संख्या के आधार पर-
इस आधार पर ऐमीन प्राथमिक(1°), द्वितीयक(2°) तथा तृतीयक(3°) के रूप में बांटे जा सकते हैं-
(1) प्राथमिक या प्राइमरी(1°) ऐमीन-
जिन कार्बनिक यौगिकों में क्रियात्मक समूह के रूप में -NH2 समूह उपस्थित रहता है उन्हें प्राथमिक या प्राइमरी या 1° ऐमीन कहा जाता है| इनका सामान्य सूत्र R-NH2 है|
जैसे - CH3-NH2,  C2H5-NH2
(2) द्वितीयक या सैकेंडरी(2°) ऐमीन-
जिन कार्बनिक यौगिकों में क्रियात्मक समूह के रूप में -NH- समूह(इमिनो समूह) उपस्थित रहता है उन्हें द्वितीयक या सैकेंडरी या 2° ऐमीन कहा जाता है| इनका सामान्य सूत्र R2NH है|
जैसे - CH3-NH-CH3,  
C2H5-NH-CH3
(3) तृतीयक या टर्शयरी(3°) ऐमीन-
जिन कार्बनिक यौगिकों में क्रियात्मक समूह के रूप में >N- समूह उपस्थित रहता है उन्हें तृतीयक या टर्शयरी या 3° ऐमीन कहा जाता है| इनका सामान्य सूत्र R3N है|
जैसे - (CH3)3N,  (C2H5)3N
चतुर्थक अमोनियम यौगिक-
ये यौगिक अमोनियम लवणों के ऐसे व्युत्पन्न हैं जिनमें अमोनियम आयन(NH4+) के चारों हाइड्रोजन परमाणु को एल्किल या एरिल समूहों द्वारा विस्थापित किया गया होता है| इस प्रकार सामान्य सूत्र R4NX प्रकार के यौगिकों को चतुर्थक अमोनियम यौगिक कहा जाता है|
जैसे - [R4N]X 
(B) नाइट्रोजन परमाणु से जुड़े समूहों  की प्रकृति के आधार पर-
इस आधार पर ऐमीन को एेलिफैटिक ऐमीन तथा एेरोमैटिक ऐमीन में बांटा जा सकता है|
(1) एेलिफैटिक ऐमीन-
जिन ऐमीन में नाइट्रोजन परमाणु एक या अधिक समान या भिन्न प्रकार के एल्किल समूह से जुड़ा रहता है, उन्हें ऐलिफैटिक ऐमीन कहा जाता है| यह प्राथमिक, द्वितीयक या तृतीयक हो सकते हैं|
 जैसे- CH3-NH2,  C2H5-NH2
CH3-NH-CH3,  
C2H5-NH-CH3

(2) एेरोमैटिक ऐमीन-
इन ऐमीनो में एक या अधिक एेरिल समूह भी जुड़े होते हैं| 
ये ऐमीन निम्न दो प्रकार के होते हैं-
(a) एेरिल एेमीन-
जिन ऐमीन में नाइट्रोजन परमाणु एक या अधिक समान या भिन्न प्रकार के ऐरिल समूहों से जुड़ा रहता है उन्हें एरिल ऐमीन कहा जाता है|
 जैसे- C6H5-NH2
C6H5-NH-C6H5
(b)  एरिलएल्किलऐमीन-
जिन ऐमीन में नाइट्रोजन परमाणु समान या भिन्न प्रकार की एक या अधिक एेरोमैटिक रिंग की पार्श्व श्रृंखलाओं से जुड़ा रहता है उन्हें एरिलएल्किलऐमीन कहा जाता है|
जैसे - C6H5-CH2-NH2
C6H5-CH2-NH-CH2-C6H5

ऐमीन का नामकरण-
(A) एेलिफैटिक ऐमीन का नामकरण-
(1) सामान्य पद्धति-
इस पद्धति में एेलिफैटिक एेमीन का नामकरण एेल्किलऐमीन तथा ऐमीनोएल्केन के रूप में किया जाता है| किसी ऐमीन का सामान्य नाम एक एकल सतत शब्द के रूप में लिखा जाता है|
 नाम को निम्न प्रकार लिखा जाता है-
जैसे -
CH3-NH2  
Methylamine or Aminomethane
CH3-CH2-CH2-NH2
n-propylamine or 1-Aminopropane

(CH3)3-N
Trimethylamine or N,N-dimethylaminomethane

(2) I.U.P.A.C. पद्धति -
इस पद्धति में ऐमीन का नामकरण एेल्कानामीन(Alkanamine)  के रूप में किया जाता है| आईयूपीएसी नाम प्राप्त करने के लिए पितृ एल्केन के अंग्रेजी नाम में से अंतिम 'e' को हटाकर अनुलग्न ऐमीन जोड़ा जाता है|
जैसे -
CH3-NH2  
Methanamine
CH3-CH2-NH2  
Ethanamine

 CH3-CH2-CH2-NH2
Propan-1-amine 

(B) एेरोमैटिक ऐमीन का नामकरण-
सामान्य पद्धति
सामान्य पद्धति में एेरोमेटिक ऐमीन का नामकरण ऐरिलऐमीन के रूप में किया जाता है| उपस्थित ऐरिल समूह के नाम में अनुलग्न ऐमीन(amine) जोड़कर यह नाम प्राप्त किया जाता है|
 सरलतम ऐरोमैटिक ऐमीन फेनिलएेमीन C6H5NH2 है| सामान्य रूप से इसे ऐनिलीन कहा जाता है| अन्य सरल ऐरिलऐमीन को प्रायः एेनिलीन के व्युत्पन्नों के रूप में नामित किया जाता है| जैसे-
I.U.P.A.C.पद्धति-
I.U.P.A.C.पद्धति में सरलतम ऐरिलऐमीन C6H5NH2 को बेंजीनामीन(Benzenamine) के रूप में व्यक्त किया जाता है| अन्य ऐरिलऐमिन को बैंजीनामीन के व्युत्पन्नों के रूप में नामित किया जाता है| रिंग पर उपस्थित अन्य प्रतिस्थापन्नो की  स्थितियों को उपयुक्त अंको द्वारा निरूपित किया जाता है| जैसे-
जैसे-

 ऐरिलऐल्किलऐमीन को एेलिफेटिक ऐमीन के व्युत्पन्नों के रूप में नामित किया जाता है| ऐरिल समूह की स्थिति को एक उपयुक्त अंक द्वारा निरूपित किया जाता है 

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