Advance Chemistry : समूह 18 के तत्व: उत्कृष्ट गैसें (Group 18 Elements: The nobel gases)

Sunday, November 8, 2020

समूह 18 के तत्व: उत्कृष्ट गैसें (Group 18 Elements: The nobel gases)

समूह 18 के तत्व: उत्कृष्ट गैसें  (Group 18 Elements: The nobel gases)
 आवर्त सारणी के समूह 18 (शून्य समूह ) में हीलियम( He), नियोन(Ne), ऑर्गन (Ar), क्रिप्टन (Kr), जिनोन(Xe), रेडॉन (Rn), तथा ओगानेसन(Og) हैं|
     यह सभी एक परमाण्विक गैसे हैं तथा सामान्य परिस्थितियों में रासायनिक रूप से क्रियाशील नहीं है| अतः इन गैसों को पहले निष्क्रिय गैसें कहा जाता था| सन 1962 में तथा इसके पश्चात यह ज्ञात किया गया कि इन तत्वों में भी अल्प मात्रा में रासायनिक सक्रियता होती है| अतः आजकल इन गैसों को उत्कृष्ट गैसे कहा जाता है| यह गैसे वायुमंडल में बहुत थोड़ी मात्रा में ही पाई जाती हैं| अतः इन्हे दुर्लभ गैसें भी कहा जाता है|
समूह 18 के तत्वों के सामान्य लक्षण-
(A) इलेक्ट्रॉनिक विन्यास-
इनमें उपस्थित सभी ऑर्बिटल पूर्ण होते हैं| हीलियम का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s2 है जबकि अन्य सभी उत्कृष्ट गैसों के सामान्य अभिविन्यास ns2 np6 होते हैं|

(B) भौतिक गुण- 

(1) भौतिक अवस्था-
सभी उत्कृष्ट गैसे रंगहीन, गंधहीन तथा स्वादहीन हैं| ये सभी एकपरमाण्विक गैसे हैं|
(2) परमाणु त्रिज्या-
इनकी परमाणु त्रिज्याएँ वास्तव में  वांडरवाल्स त्रिज्याएं हैं तथा समूह 17 के संगत तत्व की परमाणु त्रिज्या से अधिक होती हैं| समूह में आगे बढ़ने पर परमाणु त्रिज्या में वृद्धि होती है|
(3) गलनांक तथा क्वथनांक-
इनके गलनांक तथा क्वथनांक समान अणुभार के अन्य पदार्थों की तुलना में काफी कम होते हैं| समूह में आगे बढ़ने पर गलनांक तथा क्वथनांक में नियमित वृद्धि होती हैं|
(4) आयनन ऊर्जा-
इनकी आयनन ऊर्जाओं के मान काफी अधिक होते हैं क्योंकि इनके परमाणु कक्षक में इलेक्ट्रॉन पूर्ण होते हैं| प्रत्येक उत्कृष्ट गैस की आयनन ऊर्जा अपने आवर्त में सबसे अधिक होती है| समूह में आगे बढ़ने पर आयनन ऊर्जा घटती है|
(5) जल में विलेयता -
उत्कृष्ट गैसें जल में अल्प मात्रा में ही विलेय हैं|
(6) इलेक्ट्रॉन लब्धि एंथैल्पी-
इनके कक्षको में इलेक्ट्रॉन पूर्ण होने के कारण इनकी इलेक्ट्रॉन लब्धि एंथैल्पी के मान बहुत अधिक धनात्मक होते हैं|

उत्कृष्ट गैसों का रसायन-
इन गैसों के संयोजी कोशों में इलेक्ट्रॉन पूर्ण होने के कारण यह गैसे लगभग अक्रिय होती हैं|
       लेकिन सन 1962 में नील बार्टलेट के अनुसंधान से यह पता चला कि अक्रिय गैसों में से कुछ गैसे रासायनिक रूप से क्रियाशील होती हैं| नील बार्टलेट की खोज के पश्चात जेनॉन के अनेक यौगिकों के निर्माण में सफलता प्राप्त की गई| क्रिप्टन के कुछ थोड़े से यौगिकों को ही अब तक प्राप्त किया जा सका है| रेडॉन के भी कुछ यौगिक प्राप्त किए गए हैं| लेकिन अब तक हिलियम, नियॉन तथा ऑर्गन के वास्तविक रासायनिक यौगिकों को प्राप्त करने में सफलता प्राप्त नहीं हो सकी है|
जेनॉन के यौगिक-
              675K, Ni
Xe + F2 --------------> XeF2

                     675K
Xe + 2F2 --------------> XeF4

                 500-575K
Xe + 3F2 -----------------> XeF6

XeF6 + H2O --------------> XeOF4 + 2HF

XeF6 + 3H2O --------------> XeO3 + 6HF




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