Advance Chemistry : फ्लोरीन का असंगत व्यवहार

Tuesday, November 3, 2020

फ्लोरीन का असंगत व्यवहार

फ्लोरीन का असंगत व्यवहार
समूह 17 का प्रथम सदस्य अर्थात फ्लोरीन अनेक गुणों में अपने समूह के अन्य सदस्यों से भिन्न व्यवहार प्रदर्शित करता है| फ्लोरीन के इस असंगत व्यवहार के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं-
(1) इसके परमाणु आकार का कम होना
(2) विद्युत ऋणात्मकता का अधिक होना 
(3) संयोजी कक्ष में रिक्त d-ऑर्बिटलों की अनुपस्थिति|
फ्लोरीन तथा समूह के अन्य सदस्यों के व्यवहार में मुख्य अंतर निम्न है-
(1) क्रियाशीलता -
फ्लोरीन अपने समूह के अन्य तत्वों की तुलना में काफी अधिक क्रियाशील होता है|
(2) ऑक्सीकरण अवस्था-
फ्लोरीन अपने सभी यौगिकों में केवल -1 ऑक्सीकरण अवस्था ही प्रदर्शित करता है| जबकि समूह के अन्य सदस्य - 1 अवस्था के अतिरिक्त +1,+3,+ 5 तथा +7 अवस्थाएं भी प्रदर्शित करते हैं|
(3) इलेक्ट्रॉन लब्धि एंथैल्पी-
क्लोरीन से अधिक विद्युत ऋणात्मक होने के बाद भी फ्लोरीन की इलेक्ट्रॉन लब्धि एंथैल्पी का मान क्लोरीन की तुलना में कम ऋणात्मक होता है|
(4) हाइड्रोजन बंधों का निर्माण-
कम परमाणु आकार तथा अधिक विद्युत ऋणात्मकता के कारण फ्लोरीन अपने हाइड्राइडों में हाइड्रोजन बंधों का निर्माण करती है| समूह के अन्य तत्व है हाईड्राइडों में हाइड्रोजन बंधों का निर्माण नहीं कर पाते हैं|

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