समूह 17 का प्रथम सदस्य अर्थात फ्लोरीन अनेक गुणों में अपने समूह के अन्य सदस्यों से भिन्न व्यवहार प्रदर्शित करता है| फ्लोरीन के इस असंगत व्यवहार के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं-
(1) इसके परमाणु आकार का कम होना
(2) विद्युत ऋणात्मकता का अधिक होना
(3) संयोजी कक्ष में रिक्त d-ऑर्बिटलों की अनुपस्थिति|
फ्लोरीन तथा समूह के अन्य सदस्यों के व्यवहार में मुख्य अंतर निम्न है-
(1) क्रियाशीलता -
फ्लोरीन अपने समूह के अन्य तत्वों की तुलना में काफी अधिक क्रियाशील होता है|
(2) ऑक्सीकरण अवस्था-
फ्लोरीन अपने सभी यौगिकों में केवल -1 ऑक्सीकरण अवस्था ही प्रदर्शित करता है| जबकि समूह के अन्य सदस्य - 1 अवस्था के अतिरिक्त +1,+3,+ 5 तथा +7 अवस्थाएं भी प्रदर्शित करते हैं|
(3) इलेक्ट्रॉन लब्धि एंथैल्पी-
क्लोरीन से अधिक विद्युत ऋणात्मक होने के बाद भी फ्लोरीन की इलेक्ट्रॉन लब्धि एंथैल्पी का मान क्लोरीन की तुलना में कम ऋणात्मक होता है|
(4) हाइड्रोजन बंधों का निर्माण-
कम परमाणु आकार तथा अधिक विद्युत ऋणात्मकता के कारण फ्लोरीन अपने हाइड्राइडों में हाइड्रोजन बंधों का निर्माण करती है| समूह के अन्य तत्व है हाईड्राइडों में हाइड्रोजन बंधों का निर्माण नहीं कर पाते हैं|
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