कोलाइडी तंत्रों को कई प्रकार से विभाजित किया जा सकता है-
(A) परिक्षिप्त प्रावस्था तथा परिक्षेपण माध्यम की भौतिक अवस्थाओं के आधार पर-
परिक्षिप्त प्रावस्था तथा परिक्षेपण माध्यम की भौतिक अवस्था के आधार पर कुल 8 प्रकार के कोलाइडी अवस्थाएं संभव है जो निम्न प्रकार हैं-
(B) परिक्षिप्त प्रावस्था एवं परिक्षेपण माध्यम के प्रति बंधुता के आधार पर-
इस आधार पर कोलॉयडी तंत्र दो प्रकार के होते हैं-
(1) द्रव स्नेही या द्रवरागी सॉल
(2) द्रव विरोधी या द्रवविरागी सॉल
(1) द्रव स्नेही या द्रवरागी सॉल -
द्रव स्नेही शब्द का अर्थ विलायक स्नेही है| वे पदार्थ जिन्हें द्रव अर्थात परिक्षेपण माध्यम के संपर्क में लाने से कोलाइडी विलयन प्राप्त किया जा सकता है, उन्हें द्रव स्नेही कोलाइड कहा जाता है|
जैसे- गोंद, जिलेटिन, एल्ब्यूमिन, स्टार्च इत्यादि
ये उत्क्रमणीय कोलॉयड भी कहलाते हैं|
(2) द्रव विरोधी या द्रवविरागी सॉल -
वे पदार्थ जो परिक्षेपण माध्यम के लिए स्नेह प्रदर्शित नहीं करते हैं तथा परिक्षेपण माध्यम के संपर्क में लाने पर तुरंत कोलाइडी विलयन का निर्माण नहीं करते हैं उन्हें द्रव विरोधी कोलाइडी कहा जाता है|
जैसे- गोल्ड सॉल, प्लैटिनम सॉल
ये अनुत्क्रमणीय सॉल भी कहलाते हैं|
(C) कोलाइडी अवस्था में परिक्षिप्त प्रावस्था के आकार एवं रचना के आधार पर-
इस आधार पर कोलाइडी विलयनों को निम्न तीन भागों में बांटा जा सकता है-
(1) बहुआणविक कोलॉयड
(2) वृहतआणविक कोलॉयड
(3) संगुणित कोलॉयड या मिसेल
(1) बहुआणविक कोलॉयड -
जब 1 nm से कम व्यास वाले छोटे अणु या परमाणु परिक्षेपण माध्यम में परस्पर संयोग करके कोलाइडी आकार के कणों का निर्माण करते हैं तो इसे बहुआणविक कोलॉयड कहा जाता है|
जैसे- गोल्ड सॉल, सल्फर सॉल इत्यादि
(2) वृहतआणविक कोलॉयड -
कुछ पदार्थ इस प्रकार के अणुओं का निर्माण करते हैं जिसके आकार कोलाइडी कणों के आकार के समान होते हैं| इस प्रकार के अणुओं के अणुभार काफी अधिक होते हैं तथा इन्हें वृहत्अणु कहा जाता है इस प्रकार के पदार्थों को जब किसी उपयुक्त परिक्षेपण माध्यम में परिक्षिप्त किया जाता है तो प्राप्त विलयन को वृहतआणविक कोलाइड कहा जाता है|
जैसे - स्टार्च, जिलेटिन आदि का विलयन
(3) संगुणित कोलॉयड या मिसेल-
जो कोलॉयड निम्न सांद्रता पर सामान्य प्रबल विद्युत अपघट्य की भांति व्यवहार करते हैं लेकिन उच्च सांद्रता पर कणों के संगुणन के कारण कोलाइडी गुण प्रदर्शित करते हैं उन्हें संगुणित कोलॉयड कहा जाता है| इस प्रकार बनने वाले संगुणित कणों को मिसेल कहा जाता है|
जैसे- साबुन तथा संश्लेषित डिटर्जेंट का विलयन
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साबुन के विलयन में मिसेल का निर्माण-
सामान्यतः प्रयोग में लाए जाने वाले साबुन उच्च वसीय अम्ल जैसे- पामिटिक अम्ल(C15H31COOH), स्टीएरिक अम्ल(C17H35COOH),आदि के सोडियम या पोटैशियम लवण होते हैं|
सर्वाधिक उपयोग में लाया जाने वाला साबुन सोडियम स्टीएरेट है|
सामान्यतः साबुन को RCOONa के द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है जहां R लंबी श्रृंखला वाले एल्किल समूह को व्यक्त करता है|
साबुन को जब पानी में घोला जाता है तो वह आयनिकृत होकर RCOO´ तथा Na+ का निर्माण करता है| RCOO´ आयन के दो भाग, लंबी हाइड्रोकार्बन श्रृंखला R तथा पोलर समूह -COO´ होते हैं| हाइड्रोकार्बन श्रृंखला R जल विरोधी होता है, जबकि -COO´ समूह जल स्नेही होता है|
साबुन के हाइड्रोकार्बन R वाले सिरे को पूँछ तथा उसके -COO´ समूह को सिर कहा जाता है| साबुन का पूँछ जल विरोधी जबकि उसका सिर द्रव स्नेही होता है|
अतः RCOO´ स्वयं को इस प्रकार विन्यासित करता है कि इसका -COO´ सिरा जल में डूबा रहे तथा समूह R जल से दूर रहे| विभिन्न RCOO´ आयनों के -COO´ समूह समान आवेश के होने के कारण एक-दूसरे से दूर रहने की प्रवृत्ति रखते हैं| जबकि R समूह एक दूसरे के समीप आकर एक गुच्छे के रूप में एकत्रित हो जाते हैं| इस कारण ही एक मिसेल का निर्माण होता है|
इस प्रकार साबुन का एक मिसेल एक ऐसा ऋण आवेशित कोलाइडी कण है जिसमें ऋण आवेशित -COO समूह सतह पर गोलाकार रूप में व्यवस्थित रहते हैं जबकि हाइड्रोकार्बन श्रृंखलाएं केंद्र की ओर केंद्रित रहती हैं|
साबुन की प्रक्षालन क्रिया (Cleansing action of soap)-
साबुन का उपयोग प्रायः गंदे वस्त्रों की सफाई के लिए किया जाता है| धूल तथा तैलीय पदार्थों के एकत्रित होने के कारण वस्त्र गंदे हो जाते हैं| जल के द्वारा तैलीय पदार्थों को अलग नहीं किया जा सकता है| जबकि साबुन के एनायन(RCOO´) में उपस्थित हाइड्रोकार्बन अवशेष R इस कार्य को संपादित कर सकते हैं| जब किसी गंदे वस्त्र को साबुन के घोल में डुबोया जाता है तो RCOO´ के हाइड्रोकार्बन अवशेष R, तैलीय गंदगी को घोलकर एक मिसेल का निर्माण करते हैं| वस्त्र को जब पानी में धोया जाता है तो मिसेल जिसमें तैलीय गंदगी होती है, पानी के साथ घुलकर अलग हो जाती है| साबुन की प्रक्षालन क्रिया को निम्न चित्र में दर्शाया गया है|