(A) ऐरोमेटिक ऐल्डिहाइड का निर्माण-
ऐरोमेटिक ऐल्डिहाइड के निर्माण की निम्न विधियाँ हैं -
(1) ऐल्किल बेंजीन के ऑक्सीकरण द्वारा -
👉एसिटिक ऐनहाइड्राइड की उपस्थिति में CrO3 के द्वारा ऑक्सीकरण -
एल्किल बेंजीन का एसिटिक ऐनहाइड्राइड की उपस्थिति में CrO3 के द्वारा ऑक्सीकरण से ऐरोमैटिक एल्डीहाइड प्राप्त होते हैं |
👉 CCl4 की उपस्थिति में CrO2Cl2 के द्वारा ऑक्सीकरण -
बैन्जेल्डीहाइड को CCl4 या CS2 में CrO2Cl2 के द्वारा टॉलूईन के ऑक्सीकरण द्वारा बनाया जा सकता है|
यह अभिक्रिया इटार्ड अभिक्रिया कहलाती है |
(2) रीमर - टीमन अभिक्रिया द्वारा -
यह विधि फिनॉलिक एल्डिहाइड के बनाने के लिए प्रयोग की जाती है तथा इसमें किसी फिनॉल की अभिक्रिया क्लोरोफॉर्म के साथ जलीय क्षार की उपस्थिति में 340 K पर कराई जाती है इसके पश्चात तनु अम्ल के द्वारा जल अपघटन कराया जाता है जैसे-
(3) गैटरमैन- कोच अभिक्रिया द्वारा -
जब बेंजीन की CO तथा HCl गैस के साथ निर्जल AlCl3 या CuCl की उपस्थिति में अभिक्रिया कराई जाती है तो बेन्ज़ेलडिहाइड प्राप्त होता है|
(B) ऐरोमेटिक कीटोन का निर्माण-
ऐरोमेटिक कीटोन को सामान्यतः फ्रिडल क्राफ्ट अभिक्रिया के द्वारा बनाया जाता है| इसमें एरोमेटिक हाइड्रोकार्बन की अभिक्रिया निर्जल AlCl3 की उपस्थिति में किसी एसिड क्लोराइड के साथ कराते हैं|
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