Advance Chemistry : कोलॉयडी अवस्था( The colloidal state)

Wednesday, September 30, 2020

कोलॉयडी अवस्था( The colloidal state)

कोलॉयडी अवस्था( The colloidal state)
पदार्थ की कोलॉयडी अवस्था वह अवस्था है जिसमें पदार्थ के कणों का आकार 1nm से 1000nm के मध्य होता है| वह तंत्र जिसमें इस आकार के कण परिक्षिप्त रहते हैं, उसे कोलाइडी तंत्र कहा जाता है|
जैसे - जिलेटिन, गोंद आदि जल में कोलॉयडी विलयनों का निर्माण करते हैं|
परिक्षिप्त प्रावस्था-
कोलाइडी तंत्र में उपस्थित हुआ पदार्थ जो कोलाइडी रूप में स्थित रहता है परिक्षिप्त अवस्था का निर्माण करता है| अतः कोलाइडी कणों का निर्माण करने वाली प्रावस्था को परिक्षिप्त प्रावस्था कहा जाता है| जैसे- जल में फैरिक हाइड्रोक्साइड के कोलाइडी विलयन में फैरिक हाइड्रोक्साइड परिक्षिप्त प्रावस्था होता है|
परिक्षेपण माध्यम-
वह विलायक माध्यम जिसमें कोलॉयडी कण वितरित रहते हैं परिक्षेपण माध्यम कहा जाता है| जैसे- जल में फेरिक हाइड्रोक्साइड के कोलाइडी विलयन में जल परिक्षेपण माध्यम है|
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विलेय कणों के आकार के आधार पर तंत्रों को निम्नलिखित तीन भागों में बांटा जा सकता है-
(1) वास्तविक विलयन-
वास्तविक विलयन उन समांग तंत्रों को कहा जाता है जिनमें उपस्थित कणों का आकार 1nm से कम होता है| इनके कण दृश्य नहीं होते हैं तथा इन्हें सूक्ष्मदर्शी की सहायता से भी नहीं देखा जा सकता है| वास्तविक विलयन में विलेय के कणों का आकार बहुत कम होने के कारण यह सामान्य फिल्टर पेपर या जंतु झिल्ली द्वारा फिल्टर नहीं किये जा सकते हैं|
 जैसे- सोडियम क्लोराइड, शर्करा, यूरिया इत्यादि जल में वास्तविक विलयन का निर्माण करते हैं|
(2) कोलॉयडी विलयन-
कोलॉयडी विलयन विषमांग तंत्र होते हैं| इनमें उपस्थित कणों के आकार 1nm से 1000 nm के मध्य होते हैं| कोलॉयडी तंत्र में उपस्थित कणों का आकार अपेक्षाकृत बड़ा होता है| इन्हें कोलॉयडी कण कहा जाता है| यद्यपि कोलॉयडी कणों का आकार बड़ा होता है लेकिन इन्हें नेत्रों के द्वारा देखा जाना संभव नहीं है| इन्हें अतिसूक्ष्मदर्शी के द्वारा ही देखा जा सकता है| सामान्य फिल्टर पेपर के छिद्रों  से होकर यह आसानी से गुजर जाते हैं, लेकिन जंतु झिल्ली के छिद्रों से होकर यह गमन नहीं कर पाते हैं|
जैसे - जिलेटिन, गोंद इत्यादि जल में कोलॉयडी विलयनों का निर्माण करते हैं|
(3) निलंबन-
निलंबन विषमांग तंत्र होते हैं| इनमें कणों का आकार 1000 nm से अधिक होता है| इन तंत्र में कणों को नेत्रों तथा सूक्ष्मदर्शी दोनों के द्वारा देखा जा सकता है| निलंबन साधारण फिल्टर पेपर तथा जंतु झिल्ली दोनों में से किसी के छिद्रों से होकर गमन नहीं करते हैं|
जैसे - मिट्टी के कणों को जल में डालकर हिलाने पर निलंबन तंत्र प्राप्त होता है|

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वास्तविक विलयन, कोलाइडी विलयन व निलंबन के मुख्य लक्षण-

वास्तविक विलयन-
(1) कणों का आकार- 1nm से कम 
(2) प्रकृति-  समांग 
(3) कणों की दृश्यता-  अदृश्य 
(4) प्रकटता-  पारदर्शी 
(5) छननता-  सामान्य फिल्टर पेपर तथा जंतु झिल्लियों से गमनीय 
(6) गुरुत्व के प्रभाव से कणों का नीचे बैठना-   कण नीचे नहीं बैठते हैं
(7) टिंडल प्रभाव-  टिंडल प्रभाव प्रदर्शित नहीं करते हैं

कोलॉयडी  विलयन-
(1) कणों का आकार- 1nm से 1000 nm के बीच  
(2) प्रकृति-  विषमांग 
(3) कणों की दृश्यता-  अति सूक्ष्मदर्शी के द्वारा दृश्य 
(4) प्रकटता-  प्रायः पारदर्शी, लेकिन पारभासकता भी प्रदर्शित कर सकते हैं
(5) छननता-  सामान्य फिल्टर पेपर  से गमनीय लेकिन जंतु झिल्लियों से अगमनीय 
(6) गुरुत्व के प्रभाव से कणों का नीचे बैठना-   कण नीचे नहीं बैठते हैं
(7) टिंडल प्रभाव-  टिंडल प्रभाव प्रदर्शित  करते हैं

निलंबन -
(1) कणों का आकार- 1000 nm से अधिक 
(2) प्रकृति-    विषमांग 
(3) कणों की दृश्यता-  नेत्र  या सूक्ष्मदर्शी के द्वारा दृश्य 
(4) प्रकटता-  अपारदर्शी 
(5) छननता-  सामान्य फिल्टर पेपर तथा जंतु झिल्लियों से अगमनीय 
(6) गुरुत्व के प्रभाव से कणों का नीचे बैठना-   कण नीचे बैठते हैं
(7) टिंडल प्रभाव-  टिंडल प्रभाव प्रदर्शित करते हैं

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