पदार्थ की कोलॉयडी अवस्था वह अवस्था है जिसमें पदार्थ के कणों का आकार 1nm से 1000nm के मध्य होता है| वह तंत्र जिसमें इस आकार के कण परिक्षिप्त रहते हैं, उसे कोलाइडी तंत्र कहा जाता है|
जैसे - जिलेटिन, गोंद आदि जल में कोलॉयडी विलयनों का निर्माण करते हैं|
परिक्षिप्त प्रावस्था-
कोलाइडी तंत्र में उपस्थित हुआ पदार्थ जो कोलाइडी रूप में स्थित रहता है परिक्षिप्त अवस्था का निर्माण करता है| अतः कोलाइडी कणों का निर्माण करने वाली प्रावस्था को परिक्षिप्त प्रावस्था कहा जाता है| जैसे- जल में फैरिक हाइड्रोक्साइड के कोलाइडी विलयन में फैरिक हाइड्रोक्साइड परिक्षिप्त प्रावस्था होता है|
परिक्षेपण माध्यम-
वह विलायक माध्यम जिसमें कोलॉयडी कण वितरित रहते हैं परिक्षेपण माध्यम कहा जाता है| जैसे- जल में फेरिक हाइड्रोक्साइड के कोलाइडी विलयन में जल परिक्षेपण माध्यम है|
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विलेय कणों के आकार के आधार पर तंत्रों को निम्नलिखित तीन भागों में बांटा जा सकता है-
(1) वास्तविक विलयन-
वास्तविक विलयन उन समांग तंत्रों को कहा जाता है जिनमें उपस्थित कणों का आकार 1nm से कम होता है| इनके कण दृश्य नहीं होते हैं तथा इन्हें सूक्ष्मदर्शी की सहायता से भी नहीं देखा जा सकता है| वास्तविक विलयन में विलेय के कणों का आकार बहुत कम होने के कारण यह सामान्य फिल्टर पेपर या जंतु झिल्ली द्वारा फिल्टर नहीं किये जा सकते हैं|
जैसे- सोडियम क्लोराइड, शर्करा, यूरिया इत्यादि जल में वास्तविक विलयन का निर्माण करते हैं|
(2) कोलॉयडी विलयन-
कोलॉयडी विलयन विषमांग तंत्र होते हैं| इनमें उपस्थित कणों के आकार 1nm से 1000 nm के मध्य होते हैं| कोलॉयडी तंत्र में उपस्थित कणों का आकार अपेक्षाकृत बड़ा होता है| इन्हें कोलॉयडी कण कहा जाता है| यद्यपि कोलॉयडी कणों का आकार बड़ा होता है लेकिन इन्हें नेत्रों के द्वारा देखा जाना संभव नहीं है| इन्हें अतिसूक्ष्मदर्शी के द्वारा ही देखा जा सकता है| सामान्य फिल्टर पेपर के छिद्रों से होकर यह आसानी से गुजर जाते हैं, लेकिन जंतु झिल्ली के छिद्रों से होकर यह गमन नहीं कर पाते हैं|
जैसे - जिलेटिन, गोंद इत्यादि जल में कोलॉयडी विलयनों का निर्माण करते हैं|
(3) निलंबन-
निलंबन विषमांग तंत्र होते हैं| इनमें कणों का आकार 1000 nm से अधिक होता है| इन तंत्र में कणों को नेत्रों तथा सूक्ष्मदर्शी दोनों के द्वारा देखा जा सकता है| निलंबन साधारण फिल्टर पेपर तथा जंतु झिल्ली दोनों में से किसी के छिद्रों से होकर गमन नहीं करते हैं|
जैसे - मिट्टी के कणों को जल में डालकर हिलाने पर निलंबन तंत्र प्राप्त होता है|
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वास्तविक विलयन, कोलाइडी विलयन व निलंबन के मुख्य लक्षण-
वास्तविक विलयन-
(1) कणों का आकार- 1nm से कम
(2) प्रकृति- समांग
(3) कणों की दृश्यता- अदृश्य
(4) प्रकटता- पारदर्शी
(5) छननता- सामान्य फिल्टर पेपर तथा जंतु झिल्लियों से गमनीय
(6) गुरुत्व के प्रभाव से कणों का नीचे बैठना- कण नीचे नहीं बैठते हैं
(7) टिंडल प्रभाव- टिंडल प्रभाव प्रदर्शित नहीं करते हैं
कोलॉयडी विलयन-
(1) कणों का आकार- 1nm से 1000 nm के बीच
(2) प्रकृति- विषमांग
(3) कणों की दृश्यता- अति सूक्ष्मदर्शी के द्वारा दृश्य
(4) प्रकटता- प्रायः पारदर्शी, लेकिन पारभासकता भी प्रदर्शित कर सकते हैं
(5) छननता- सामान्य फिल्टर पेपर से गमनीय लेकिन जंतु झिल्लियों से अगमनीय
(6) गुरुत्व के प्रभाव से कणों का नीचे बैठना- कण नीचे नहीं बैठते हैं
(7) टिंडल प्रभाव- टिंडल प्रभाव प्रदर्शित करते हैं
निलंबन -
(1) कणों का आकार- 1000 nm से अधिक
(2) प्रकृति- विषमांग
(3) कणों की दृश्यता- नेत्र या सूक्ष्मदर्शी के द्वारा दृश्य
(4) प्रकटता- अपारदर्शी
(5) छननता- सामान्य फिल्टर पेपर तथा जंतु झिल्लियों से अगमनीय
(6) गुरुत्व के प्रभाव से कणों का नीचे बैठना- कण नीचे बैठते हैं
(7) टिंडल प्रभाव- टिंडल प्रभाव प्रदर्शित करते हैं
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