ऐमीनो अम्ल प्रोटीन की आधारभूत इकाई हैं| इनके अणुओं में ऐमीनो(-NH2) एवं कार्बोक्सिलिक समूह (-COOH) दोनों उपस्थित होते हैं| प्रोटींस में उपस्थित ऐमीनो अम्ल, अल्फा- ऐमीनो अम्ल (ऐमीनो अम्ल जिनमें कार्बोक्सिलिक समूह एवं एमिनो समूह दोनों एक ही कार्बन परमाणु अर्थात अल्फा कार्बन परमाणु पर जुड़े रहते हैं) होते हैं| अल्फा अमीनो अम्ल का सामान्य सूत्र निम्न है-
ऐमीनो अम्लों की संरचना (Structure of Amino acids)-
ऐमीनो अम्ल में दोनों एकअम्लीय कार्बोक्सिल (-COOH) समूह एवं एकक्षारीय एमिनो (-NH2) समूह विद्यमान होते हैं| उदासीन विलयन में कार्बोक्सिल एवं एमिनो समूह दोनों अायनित अवस्था में रहते हैं| कार्बोक्सिल समूह एक प्रोटॉन खोकर कार्बोक्सिलेट आयन (-COO´) बनाता है तथा एमिनो अम्ल एक प्रोटॉन ग्रहण करके -NH3+ आयन का निर्माण करता है| इस प्रकार उदासीन जलीय विलयन में एमिनो अम्ल द्विध्रुवीय संरचना बनाते हैं जिसे ज़्विटर आयन कहते हैं| यह संरचना निम्न है-
अम्लीय विलयन में एक ऐमीनो अम्ल धनायन की भांति विद्यमान रहता है और वैद्युत क्षेत्र के प्रभाव में कैथोड की ओर गति करता है| दूसरी ओर क्षारीय विलयन में यह ऋणायन के रूप में विद्यमान रहता है तथा विद्युत क्षेत्र के प्रभाव में एनोड की ओर गति करता है|
ऐमीनो अम्लों के D-एवं L-अभिविन्यास (D-and L- configuration of Amino acids)-
सभी ऐमीनो अम्ल दो त्रिविम समावयविक रूप अर्थात D-तथा L- रूप में विद्यमान रहते हैं| यह दोनों रूप एक दूसरे के दर्पण प्रतिबिंब होते हैं|
प्रकृति में पाए जाने वाले सभी ऐमीनो अम्ल L-अभिविन्यास युक्त होते हैं| अतः प्रोटीन में केवल L- ऐमीनो अम्ल ही पाए जाते हैं|
ऐमीनो अम्ल का नामकरण (Nomenclature of Amino acids)-
ऐमीनो अम्ल सामान्यतः अपने साधारण नामों द्वारा जाने जाते हैं| इनका नामकरण आईयूपीएसी(I.U.P.A.C.) पद्धति द्वारा भी किया जा सकता है|
जैसे- सरलतम ऐमीनो अम्ल, NH2CH2COOH को ग्लाइसिन कहा जाता है| इसका I.U.P.A.C. नाम 2-aminoethanoic acid होता है| सुविधा के लिए प्रत्येक ऐमीनो अम्ल को एक मानक संक्षिप्त शब्द या कोड दिया गया है, जो प्रायः अम्ल के साधारण नाम के प्रथम तीन अक्षर होते हैं|
जैसे- ग्लाइसिन(glycine) को gly तथा एेलेनीन को ala कोड दिए गए हैं|
कभी-कभी एक अक्षर संकेत का भी प्रयोग किया जाता है| जैसे- ग्लाइसिन को G तथा एेलेनीन को A से प्रदर्शित करते हैं|
ऐमीनो अम्ल का वर्गीकरण(Classification of Amino acids)-
(I) -NH2 व -COOH समूह की सापेक्ष संख्या के आधार पर -
इस आधार पर इन्हें तीन भागों में बांटा जा सकता है-
(i) उदासीन ऐमीनो अम्ल (Neutral Amino acids) -
एक -NH2 समूह एवं एक -COOH समूह युक्त ऐमीनो अम्ल को उदासीन ऐमीनो अम्ल कहा जाता है|
जैसे- ग्लाइसिन, वैलीन, एेलेनीन आदि
(ii) अम्लीय ऐमीनो अम्ल (Acidic Amino acids)-
दो -COOH समूह एवं एक -NH2 समूह युक्त ऐमीनो अम्ल को अम्लीय ऐमीनो अम्ल कहा जाता है|
जैसे- एस्पार्टिक अम्ल, ग्लुटैमिक अम्ल आदि
(iii) क्षारीय ऐमीनो अम्ल (Basic Amino acids) -
दो -NH2 समूह एवं एक -COOH समूह युक्त ऐमीनो अम्ल को क्षारीय ऐमीनो अम्ल कहा जाता है|
जैसे- लाइसीन, अार्जिनिन आदि|
(II) शरीर की आवश्यकता के आधार पर-
प्रोटींस में सामान्यतः 20 ऐमीनो अम्ल पाए जाते हैं, जिनमें से 10 आवश्यक ऐमीनो अम्ल होते हैं जबकि 10 अनावश्यक ऐमीनो अम्ल होते हैं|
(i) आवश्यक अमीनो अम्ल (Essential Amino acids)-
वे ऐमीनो अम्ल जो मानव शरीर में संश्लेषित नहीं होते हैं तथा जिनकी पूर्ति आहार द्वारा की जानी आवश्यक होती है आवश्यक ऐमीनो अम्ल कहलाते हैं| इनकी संख्या 10 होती है|
(ii) अनावश्यक अमीनो अम्ल (Non-essential Amino acids)-
वे ऐमीनो अम्ल जो मानव शरीर में संश्लेषित होते हैं तथा जिनकी पूर्ति आहार द्वारा की जानी आवश्यक नही होती है अनावश्यक ऐमीनो अम्ल कहलाते हैं| इनकी संख्या भी 10 होती है|
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