एक विलयन की विद्युत चालकता उसके प्रतिरोध के व्युत्क्रम के बराबर होती है| अतः किसी विलयन की विद्युत अपघटनी चालकता का मापन उसके प्रतिरोध को मापकर किया जा सकता है| एक विद्युत अपघट्य विलयन के प्रतिरोध को चालकता सेल तथा व्हीटस्टोन सेतु की सहायता से आसानी से मापा जा सकता है|
(a) चालकता सेल तथा सेल स्थिरांक-
किसी विलयन के एक निश्चित आयतन के प्रतिरोध को मापने के लिए एक विशेष प्रकार के सेल का प्रयोग किया जाता है, जिसे चालकता सेल कहा जाता है| यह सेल पायरेक्स कांच का बना होता है तथा इसमें दो प्लैटिनम इलेक्ट्रोड एक दूसरे से एक निश्चित दूरी पर स्थित होते हैं| अनेक प्रकार के चालकता सेल प्रयोग में लाए जाते हैं| एक चालकता सेल में दोनों इलेक्ट्रोड के मध्य की दूरी(l) तथा उनके क्षेत्रफल(A) नियत होते हैं| इसलिए, एक चालकता सेल विशेष के लिए l/A का मान स्थिर रहता है| इस स्थिर राशि को सेल स्थिरांक कहा जाता है| इस प्रकार, सेल स्थिरांक = l/A
सेल स्थिरांक का मात्रक cm-1 या m-1 हैं|
(b) व्हीटस्टोन सेतु-
इस सेतु की सहायता से किसी तार या विद्युत अपघट्य विलयन के प्रतिरोध को आसानी से मापा जा सकता है| इसमें प्रतिरोध R1, R2, R3 तथा X युक्त चार भुजाएं परस्पर एक गैल्वेनोमीटर(G), एक बैटरी तथा एक कुंजी(K) के द्वारा चित्र में दर्शाए अनुसार एक दूसरे से जुड़ी रहती हैं| प्रतिरोध R2 परिवर्तनीय होता है जबकि प्रतिरोध X वह अज्ञात प्रतिरोध है जिसका मान मापना है| प्रतिरोध R1 तथा R3 ज्ञात प्रतिरोध हैं|
कुंजी K की सहायता से परिपथ को पूर्ण करने के बाद परिवर्तनीय प्रतिरोध R2 को इस प्रकार समायोजित किया जाता है कि शून्य विक्षेप स्थिति प्राप्त हो जाए| यह वह स्थिति है जबकि गैल्वेनोमीटर में कोई विक्षेप नहीं होता| इस स्थिति में व्हीटस्टोन सेतु सिद्धांत के अनुसार,
R1/R2 = X/R3
या, X = R1R3 / R2
(c) विद्युत अपघटनी चालकता का मापन-
विद्युत अपघटनी चालकता के मापन के लिए चालकता सेल में विद्युत अपघट्य विलयन को भरकर उसे व्हीटस्टोन सेतु से X प्रतिरोध की जगह पर जोड़ दिया जाता है और बैटरी से धारा प्रवाहित करके व्हीटस्टोन सिद्धांत के अनुसार X का मान ज्ञात कर लिया जाता है|
हमें यह पता है कि प्रतिरोध के व्युत्क्रम के बराबर उस विद्युत अपघट्य विलयन की चालकता होती है| अतः विद्युत अपघटन विलयन की चालकता को माप लिया जाता है|
विद्युत् चालकता C = 1/X