Advance Chemistry : सल्फर डाइऑक्साइड(SO2)

Thursday, October 29, 2020

सल्फर डाइऑक्साइड(SO2)

    सल्फर डाइऑक्साइड(SO2)
बनाने की विधियां 
(1) कार्बन, सल्फर, कॉपर आदि पर सांद्र H2SO4 की क्रिया द्वारा-
कार्बन, सल्फर, कॉपर आदि पर गर्म तथा सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल की क्रिया करने पर सल्फर डाइऑक्साइड प्राप्त होती हैं|
C + 2H2SO4 -----> CO2 + 2SO2 + 2H2O

S + 2H2SO4 ----->  3SO2 + 2H2O

Cu + 2H2SO4 -----> CuSO4 + SO2 + 2H2O

(2) प्रयोगशाला विधि-
प्रयोगशाला में सल्फर डाइऑक्साइड को तांबे की छीलन पर गर्म तथा सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल की क्रिया से प्राप्त किया जा सकता है|
Cu + 2H2SO4 -----> CuSO4 + SO2 + 2H2O
विधि- इस विधि में थिसिल कीप तथा निकास नली युक्त एक गोल पेंदी के फ्लास्क मेंं तांबे की छीलन ली जाती है| थिसिल कीप से सांद्र H2SO4 को फ्लास्क मेंं गिराया जाताा है और फ्लास्क  को गर्म किया जाताा है| प्राप्त SO2 गैस  को एक जार में एकत्र कर लेते हैं|

(3) औद्योगिक उत्पादन-
औद्योगिक स्तर पर इसे सल्फर, आयरन पायराइटीज(FeS2), जिंक ब्लेंडी(ZnS) आदि के दहन द्वारा प्राप्त किया जाता है|

S + O2 -----> SO2

4FeS2 + 11O2 ----> 2Fe2O3 + 8SO2 

2ZnS + 3O2 ----> 2ZnO + 2SO2 

सल्फर डाइऑक्साइड के गुण- 
(A) भौतिक गुण- 
(1) एक रंगहीन गैस
(2) तीव्र गंध युक्त
(3) वायु से 2.2 गुना अधिक भारी
(4) यह एक विषैली गैस है और श्वसन समस्याएं उत्पन्न करती है|
(5) यह जल में काफी अधिक विलेय है| जल में घुलकर यह  सल्फ्यूरस अम्ल(H2SO3) बनाती है|
(B) रासायनिक गुण-
(1) दहनशीलता-
 यह न तो ज्वलनशील है और न ही जलने में सहायक है लेकिन जलतेेेे हुए मैग्नीशियम तथा पोटेशियम इसमें जलते रहते हैं|
2Mg  + SO2 ----> 2MgO + S
4K + 3SO2 ----> K2S2O3 + K2SO3
(2) ऊष्मीय वियोजन-
 तेजी से गर्म किए जाने पर यह सल्फर तथा सल्फर ट्राई ऑक्साइड में टूट जाता है|
3SO2 ------> S + 2SO3 

(3) अम्लीय प्रकृति-
 यह एक अम्लीय आक्साइड हैै तथा जल  में घुलकर सल्फ्यूरस अम्ल बनाता है|
SO2 + H2O ----->  H2SO3 
(4) क्षारों से क्रिया-
 यह क्षारों से क्रिया कर दो प्रकार के लवण, हाइड्रोजन सल्फाइटो का निर्माण करती है जैसे-
NaOH +  SO2 ----> NaHSO3 
2NaOH +  SO2 ----> Na2SO3 + H2O  

(5) कार्बोनेटों से क्रिया-
 यह कार्बोनेटो से क्रिया कर कार्बन डाइऑक्साइड बनाती है|
Na2CO3 +  2SO2 + H2O ----> 2NaHSO3 + CO2

(6) अपचायक प्रकृति-
 नमी की उपस्थिति में यह नवजात हाइड्रोजन उत्पन्न करती हैं और इस प्रकार एक अपचायक  की तरह व्यवहार करती है|
2KMnO4 +  5SO2 + 2H2O  ----> K2SO4 + 2MnSO4 + 2H2SO4 

K2Cr2O7 +  3SO2 + H2SO4  ----> K2SO4 + Cr2(SO4)3 + H2O

(7) विरंजक गुण-
 नमी की उपस्थिति में यह  एक विरंजक की तरह व्यवहार करती है तथा रंगीन पुष्पों, पत्तियों तथा कपड़ों आदि को रंगहीन बना सकती है|
(8) ऑक्सीकारक गुण-
  यह  एक ऑक्सीकारक की तरह भी व्यवहार करती है|
2H2S + SO2 -------> 3S + 2H2O 
3Fe + SO2 -----> 2FeO + FeS 
3Sn + SO2 -----> 2SnO + SnS 
(9) असंतृप्त प्रकृति-
यह एक असंतृप्त यौगिक की तरह व्यवहार करती हैं तथा ऑक्सीजन, क्लोरीन आदि से क्रिया कर योगात्मक उत्पाद बनाती है|
2SO2 + O2 -----> 2SO3
SO2 + Cl2 -----> SO2Cl2

उपयोग -
(1) सल्फ्यूरिक अम्ल के औद्योगिक उत्पादन में
(2) सल्फाइटो के निर्माण में
(3) ऊन, रेशम आदि के विरंजन में
(4) चीनी के शुद्धिकरण में
(5) एक कीटाणुनाशक के रूप में
(6) एक शीतलक के रूप में

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