Advance Chemistry : समूह 17 के तत्व (हैलोजन परिवार)

Saturday, October 31, 2020

समूह 17 के तत्व (हैलोजन परिवार)

समूह 17 के तत्व (हैलोजन परिवार)
आवर्त सारणी के समूह 17 में फ्लोरीन(F), क्लोरीन(Cl), ब्रोमीन(Br), आयोडीन(I) तथा एस्टैटिन(At) को रखा गया है| इन्हें सामूहिक रूप से हैलोजन अर्थात ´लवणों का निर्माण करने वाले´ कहा जाता है|

समूह 17 के तत्वों के सामान्य लक्षण-
(A) इलेक्ट्रॉनिक विन्यास-
इन तत्वों के संयोजी कोश का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ns2 np5 प्रकार का होता है|
(B) भौतिक गुण-
(1) भौतिक अवस्था- कमरे के ताप पर फ्लोरीन तथा क्लोरीन गैस, ब्रोमीन द्रव तथा आयोडीन ठोस होता है|
(2) परमाणु तथा आयनिक त्रिज्या-
प्रत्येक हैलोजन परमाणु की परमाणु त्रिज्या अपने आवर्त में स्थित अन्य सभी परमाणु की परमाणु त्रिज्या की तुलना में सबसे कम होती है| समूह में आगे बढ़ने पर परमाणु तथा आयनिक त्रिज्या में क्रमशः वृद्धि होती है| हैलाइड आयन की त्रिज्या संगत हैलोजन परमाणु की त्रिज्या से अधिक होती है|
(3) गलनांक और क्वथनांक-
हैलोजनों के गलनांक व क्वथनांक कम होते हैं| समूह में आगे बढ़ने पर इनमें क्रमशः वृद्धि होती है|
(4) आयनन ऊर्जा-
हैलोजनों की आयनन ऊर्जा का मान काफी अधिक होता है क्योंकि इनका परमाणु बहुत छोटा तथा उच्च नाभिकीय आवेश होता है| समूह में आगे बढ़ने पर आयनन ऊर्जाओं के मान कम होते जाते हैं|
(5) विद्युत ऋणात्मकता-
हैलोजन अत्यधिक विद्युत ऋणात्मक तत्व हैं| वास्तव में प्रत्येक हैलोजन अपने आवर्त का सबसे अधिक विद्युत ऋणात्मक तत्व है| समूह में आगे बढ़ने पर विद्युत ऋणात्मकता कम होती जाती है| समूह में विद्युत ऋणात्मकता  निम्न क्रम में घटती है- 
F > Cl > Br > I 
(6) ऑक्सीकरण अवस्थाएं-
फ्लोरीन अपने सभी यौगिकों में केवल -1 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है| अन्य हैलोजन - 1 अवस्था के अतिरिक्त +1, +3, +5, +7 अवस्थाएं भी प्रदर्शित करते हैं|
(7) रंग-
फ्लोरीन(F) हल्का पीला, क्लोरीन(Cl) हरा-पीला, ब्रोमीन(Br) लाल तथा आयोडीन(I)बैगनी होता है|

(C)  हैलोजनों के रासायनिक गुण-
(1) हैलाइड्स-
हैलोजन आवर्त सारणी में उपस्थित लगभग सभी तत्वों से संयोग कर एक बड़ी संख्या में द्विक यौगिकों का निर्माण करते हैं जिन्हें हैलाइड्स कहते हैं| धात्विक तथा अधात्विक हैलाइड के कुछ प्रमुख उदाहरण निम्न है-
2Na + Cl2 ----> 2NaCl 
H2 + Cl2 ----> 2HCl 

(2) ऑक्साइडस-
फ्लोरिन केवल दो ऑक्साइडों OF2 तथा O2F2 का निर्माण करता है| अन्य तत्व अनेक ऑक्साइडों का निर्माण करते हैं जिनमें इनकी ऑक्सीकरण अवस्थायें +1 से +7 के बीच होती है|
(3) ऑक्सीकारक प्रवृत्ति-
अधिक विद्युत ऋणात्मकता  के कारण हैलोजन परमाणु प्रबल ऑक्सीकारकों की तरह व्यवहार करते हैं|


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