यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण रसायन है | इसे प्रायः रसायनों का राजा कहते हैं|
औद्योगिक उत्पादन -
व्यापारिक स्तर पर सल्फ्यूरिक अम्ल का उत्पादन संपर्क विधि या लैड कक्ष विधि से किया जाता है|
संपर्क विधि-
इस विधि में सल्फ्यूरिक अम्ल का उत्पादन करने के लिए पहले सल्फर डाइऑक्साइड का वायु द्वारा सल्फर ट्राइऑक्साइड में उत्प्रेरणीय ऑक्सीकरण किया जाता है|
2SO2 + O2 <-----> 2SO3
उपरोक्त विधि से प्राप्त सल्फर डाइऑक्साइड को सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल में घोलकर ओलियम( H2S2O7) प्राप्त किया जाता है| इस ओलियम में उपयुक्त मात्रा में जल मिलाकर इच्छित सांद्रण के सल्फ्यूरिक अम्ल को प्राप्त किया जा सकता है|
H2SO4 + SO3 -----> H2S2O7
H2S2O7 + H2O ----> 2H2SO4
सल्फ्यूरिक अम्ल के गुण
(A) भौतिक गुण-
(1) शुद्ध सल्फ्यूरिक अम्ल एक रंगहीन गाढ़ा तैलीय द्रव है|
(2) यह जल में विलेय है| इसको जल में मिलाने से ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया होती है|
(3) इस का क्वथनांक 611K होता है
(4) नम वायु में यह धूम उत्सर्जित करता है|
(5) त्वचा के संपर्क में आने पर यह त्वचा को जलाकर घाव उत्पन्न करता है|
(B) रासायनिक गुण-
(1) वियोजन-
शुद्ध जल रहित सल्फ्यूरिक अम्ल को उबालने पर यह वियोजित होकर सल्फर ट्राईऑक्साइड तथा जल देता है|
H2SO4 <------> SO3 + H2O
(2) अम्लीय प्रकृति-
यह एक द्विभास्मिक अम्ल है तथा क्षारों से क्रिया कर दो प्रकार के लवण बनाता है|
NaOH + H2SO4 -----> NaHSO4 + H2O
2NaOH + H2SO4 -----> Na2SO4 + 2H2O
(3) निर्जलीकारक के रूप में-
यह अनेक यौगिकों से जल के अणुओं को निष्कासित करने में सक्षम होता है|
Conc.H2SO4
C12H22O11 ------------------> 12C + 11H2O
Conc.H2SO4
C2H5OH ------------------> C2H4 + H2O
(4) ऑक्सीकारक गुण-
यह एक ऑक्सीकारक का कार्य करता है क्योंकि यह आसानी से नवजात ऑक्सीजन दे सकता है|
H2SO4 ------> H2O + SO2 + O
--------------------------------------------------
Cu + 2H2SO4 -----> CuSO4 + 2H2O + SO2
C + 2H2SO4 -----> CO2 + 2H2O + 2SO2
P4 + 10H2SO4 -----> 4H3PO4 + 4H2O + 10SO2
(5) लवणों से क्रिया-
लवणों से क्रिया करके यह सामान्यतः संगत अम्लों का निर्माण करता है|
NaCl + H2SO4 -----> NaHSO4 + HCl
KNO3 + H2SO4 -----> KHSO4 + HNO3
सल्फ्यूरिक अम्ल के उपयोग-
(1) प्रयोगशाला अभिकर्मक के रूप में
(2) अनेक रासायनिक खादों के उत्पादन में
(3) अनेक रंगो, विस्फोटकों एवं औषधियों के निर्माण में
(4) अनेक प्रकार के रसायनों के उत्पादन में
(5) अनेक अम्लों के उत्पादन में
(6) पेंट्स, प्लास्टिक आदि के उत्पादन में
(7) कागज तथा कपड़ा उद्योग में
(8) चमड़ा उद्योग में
(9) धातुओं के निष्कर्षण में
(10) बैटरीयों में
(11) पेट्रोलियम उद्योग में
(12) एक निर्जलीकारक के रूप में
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