सर्वप्रथम सन 1772 में स्वीडन के रसायनज्ञ शीले ने इसे बनाया और इसका नाम अग्नि वायु(Fire air) रखा| 1774 में अंग्रेज वैज्ञानिक प्रीस्टले ने इसका नाम फ्लोजिस्टनविहीन वायु रखा| 1776 में फ्रांसीसी रसायनज्ञ लेवोशिये ने इस गैस के गुणों का अध्ययन किया तथा बताया कि यह गैस पदार्थों के दहन में सहायक है| दहन से बने परिणामी पदार्थों में अम्ल के गुण पाए जाते हैं इसलिए उन्होंने इस गैस का नाम ऑक्सीजन(अम्ल उत्पादक) रखा|
प्राप्ति-
पृथ्वी पर पाए जाने वाले तत्वों में ऑक्सीजन की मात्रा सर्वाधिक हैं| जल में यह लगभग 89%(भारानुसार) होती है तथा वायु में यह 21% होती है|
बनाने की विधियां
(1) प्रयोगशाला विधि-
प्रयोगशाला में ऑक्सीजन गैस पोटैशियम क्लोरेट को मैग्नीज डाइऑक्साइड (उत्प्रेरक) की उपस्थिति में गर्म करके बनाई जाती है|
2KClO3 --------> 2KCl + 3O2
(2) धातुओं के ऑक्साइडों को गर्म करके-
जब मरकरी ऑक्साइड को गर्म किया जाता है तो ऑक्सीजन बनती है|
गर्म
2HgO --------> 2Hg + O2
(3) औद्योगिक विधि-
इस विधि में वायु को द्रवित करके उसका प्रभाजी आसवन करके ऑक्सीजन प्राप्त करते हैं| प्रभाजी आसवन करने पर नाइट्रोजन (क्वथनांक -194°C) ऑक्सीजन(क्वथनांक - 183°C) से अधिक वाष्पशील होने के कारण पहले निकलती है और ऑक्सीजन शेष रह जाती है|
(4) जल का विद्युत अपघटन करने पर-
अम्ल या क्षार मिश्रित जल को वोल्टामीटर में लेकर विद्युत अपघटन करने पर ऑक्सीजन एनोड पर प्राप्त होती है|
ऑक्सीजन के गुण
(A) भौतिक गुण-
(1) यह रंगहीन, गंधहीन, स्वादहीन तथा पारदर्शक गैस है|
(2) जल में थोड़ी मात्रा में विलेय है |
(3) क्वथनांक 90.2 K तथा गलनांक 54.4 K होता है|
(B) रासायनिक गुण-
(1) लिटमस पर प्रभाव-
यह गैस लिटमस के प्रति उदासीन है|
(2) दहन में सहायक-
यह गैस स्वयं नहीं जलती परंतु वस्तुओं के जलाने में सहायक है|
(3) धातुओं के साथ क्रिया-
यह धातुओं के साथ क्रिया करके उनके ऑक्साइड बनाती है|
2Mg + O2 -------> 2MgO
2Ca + O2 -------> 2CaO
(4) अधातुओं के साथ क्रिया-
यह अधातुओं से क्रिया करके उनके ऑक्साइड बनाती है|
C + O2 -------> CO2
S + O2 -------> SO2
(5) हाइड्रोजन से अभिक्रिया-
ऑक्सीजन तथा हाइड्रोजन के मिश्रण में विद्युत स्फुलिंग प्रवाहित करने पर जल बनता है|
2H2 + O2 -------> 2H2O
(6) सल्फर डाइऑक्साइड से क्रिया-
यह सल्फर डाइऑक्साइड के साथ उत्प्रेरक की उपस्थिति में 450° C पर गर्म करने से सल्फर ट्राइऑक्साइड गैस बनाती है|
Pt
2SO2 + O2 -------> 2SO3
उपयोग -
(1) जीवो के सांस लेने में
(2) वेल्डिंग करने में
(3) ऑक्साइड बनाने तथा ऑक्सीकारक के रूप में
(4) अंतरिक्ष यात्री, गोताखोरों व मरीजों को कृत्रिम श्वसन प्रदान करने में
(5) नाइट्रिक अम्ल सल्फ्यूरिक अम्ल तथा क्लोरीन आदि बनाने में
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