Advance Chemistry : डाईऑक्सीजन या ऑक्सीजन

Saturday, October 24, 2020

डाईऑक्सीजन या ऑक्सीजन

डाईऑक्सीजन या ऑक्सीजन
सर्वप्रथम सन 1772 में स्वीडन के रसायनज्ञ शीले ने इसे बनाया और इसका नाम अग्नि वायु(Fire air) रखा| 1774 में अंग्रेज वैज्ञानिक प्रीस्टले ने इसका नाम फ्लोजिस्टनविहीन वायु रखा| 1776 में फ्रांसीसी रसायनज्ञ लेवोशिये ने इस गैस के गुणों का अध्ययन किया तथा बताया कि यह गैस पदार्थों के दहन में सहायक है| दहन से बने परिणामी पदार्थों में अम्ल के गुण पाए जाते हैं इसलिए उन्होंने इस गैस का नाम ऑक्सीजन(अम्ल उत्पादक) रखा|
प्राप्ति-
पृथ्वी पर पाए जाने वाले तत्वों में ऑक्सीजन की मात्रा सर्वाधिक हैं| जल में यह लगभग 89%(भारानुसार) होती है तथा वायु में यह 21% होती है|
बनाने की विधियां 
(1) प्रयोगशाला विधि-
प्रयोगशाला में ऑक्सीजन गैस पोटैशियम क्लोरेट को मैग्नीज डाइऑक्साइड (उत्प्रेरक) की उपस्थिति में गर्म करके बनाई जाती है|

2KClO3 --------> 2KCl  +  3O2 

(2) धातुओं के ऑक्साइडों को गर्म करके-
जब मरकरी ऑक्साइड को गर्म किया जाता है तो ऑक्सीजन बनती है|
            गर्म
2HgO --------> 2Hg  +  O2 
(3) औद्योगिक विधि-
इस विधि में वायु को द्रवित करके उसका प्रभाजी आसवन करके ऑक्सीजन प्राप्त करते हैं| प्रभाजी आसवन करने पर नाइट्रोजन (क्वथनांक -194°C) ऑक्सीजन(क्वथनांक - 183°C) से अधिक वाष्पशील  होने के कारण पहले निकलती है और ऑक्सीजन शेष रह जाती है|
(4) जल का विद्युत अपघटन करने पर-
अम्ल या क्षार मिश्रित जल को वोल्टामीटर में लेकर विद्युत अपघटन करने पर ऑक्सीजन एनोड पर प्राप्त होती है|

ऑक्सीजन के गुण 
(A) भौतिक गुण-
(1) यह रंगहीन, गंधहीन, स्वादहीन तथा पारदर्शक गैस है|
(2) जल में थोड़ी मात्रा में विलेय है |
(3) क्वथनांक 90.2 K तथा गलनांक 54.4 K  होता है|
(B) रासायनिक गुण-
(1) लिटमस पर प्रभाव-
यह गैस लिटमस के प्रति उदासीन है|
 (2) दहन में सहायक-
यह गैस स्वयं नहीं जलती परंतु वस्तुओं के जलाने में सहायक है|
(3) धातुओं के साथ क्रिया-
यह धातुओं के साथ क्रिया करके उनके ऑक्साइड बनाती है|
2Mg  + O2 -------> 2MgO  
2Ca  + O2 -------> 2CaO 
 (4) अधातुओं के साथ क्रिया-
यह अधातुओं से क्रिया करके उनके ऑक्साइड बनाती है|
C + O2 -------> CO2 
S + O2 -------> SO2 
(5) हाइड्रोजन से अभिक्रिया-
ऑक्सीजन तथा हाइड्रोजन के मिश्रण में विद्युत स्फुलिंग प्रवाहित करने पर जल बनता है|
2H2  +  O2 -------> 2H2O  
(6) सल्फर डाइऑक्साइड से क्रिया-
यह सल्फर डाइऑक्साइड के साथ उत्प्रेरक की उपस्थिति में 450° C  पर गर्म करने से सल्फर ट्राइऑक्साइड गैस बनाती है|
                      Pt 
2SO2  +  O2 -------> 2SO3 

उपयोग -
(1) जीवो के सांस लेने में
(2) वेल्डिंग करने में
(3) ऑक्साइड बनाने तथा ऑक्सीकारक के रूप में
(4) अंतरिक्ष यात्री, गोताखोरों व मरीजों को कृत्रिम श्वसन प्रदान करने में
(5) नाइट्रिक अम्ल सल्फ्यूरिक अम्ल तथा क्लोरीन आदि बनाने में

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