मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड द्वारा किसी भी इलेक्ट्रोड निकाय का मानक इलेक्ट्रोड विभव का मापन किया जा सकता है| विभिन्न इलेक्ट्रोड निकायों के मानक इलेक्ट्रोड विभव (अर्थात मानक अपचयन विभव) के इस प्रकार मापित मानो को एक बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित किया जा सकता है| इस प्रकार प्राप्त व्यवस्था एक अत्यंत महत्वपूर्ण श्रेणी का निर्माण करती है जिसे विद्युत रासायनिक श्रेणी कहा जाता है| इस प्रकार विद्युत रासायनिक श्रेणी विभिन्न इलेक्ट्रोड निकायों के मानक अपचयन विभव के बढ़ते क्रम में व्यवस्था है| कुछ महत्वपूर्ण इलेक्ट्रोड निकायों तथा उनकी अर्द्ध सेल अभिक्रिया युक्त विद्युत रासायनिक श्रेणी निम्न है-
विद्युतरासायनिक श्रेणी की महत्वपूर्ण विशेषताएं-
(1) हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड के साथ जोड़े जाने पर मानक अपचयन विभव के ऋणात्मक मान युक्त इलेक्ट्रोड निकाय एनोड का तथा धनात्मक मान युक्त निकाय कैथोड का कार्य करते हैं|
(2) श्रेणी में ऊपर से नीचे की ओर जाने पर इलेक्ट्रॉनों को ग्रहण करने की प्रवृति अर्थात अपचयित होने की प्रवृत्ति में वृद्धि होती है|
(3) श्रेणी में नीचे से ऊपर की ओर जाने पर इलेक्ट्रॉनों को त्यागने की प्रवृति अर्थात ऑक्सीकृत होने की प्रवृत्ति में वृद्धि होती है|
(4) श्रेणी में हाइड्रोजन के ऊपर स्थित पदार्थों की अपचयित रूप हाइड्रोजन से अधिक प्रबल अपचायक हैं जबकि हाइड्रोजन के नीचे स्थित पदार्थों के अपचयित रूप हाइड्रोजन की तुलना में दुर्बल अपचायक हैं| इस प्रकार किसी भी पदार्थ का अपचयित रूप श्रेणी में अपने से नीचे स्थित किसी भी पदार्थ के ऑक्सीकृत रूप को अपचयित कर सकता है|
विद्युतरासायनिक श्रेणी के अनुप्रयोग-
(1) धातुओं की क्रियाशीलता का पता लगाने में
(2) एक रेडॉक्स अभिक्रिया के होने की संभावना का पता लगाने में
(3) लवण विलयनों से धातुओं का विस्थापन का पता लगाने में
(4) धातुओं द्वारा तनु अम्लों से हाइड्रोजन का विस्थापन
(5) धातुओं के विद्युत धनात्मक लक्षण तथा उनके ऑक्साइडों का उष्मीय स्थायित्व जानने में
(6) मानक सेल विभव(E°cell) की गणना करने में