आवर्त सारणी के समूह 16 में ऑक्सीजन(O), सल्फर(S), सेलेनियम(Se), टेल्यूरियम(Te), तथा पोलोनियम(Po) तत्व हैं| यह सभी तत्व प्रतिनिधि तत्व हैं तथा आवर्त सारणी के p-ब्लॉक में स्थित हैं|
समूह के प्रथम चार तत्व अर्थात ऑक्सीजन, सल्फर, सैलेनियम तथा टेल्लूरियम चैल्कोजन अर्थात अयस्कों का निर्माण करने वाले तत्व कहलाते हैं|
समूह 16 के तत्वों के सामान्य लक्षण-
(a) इलेक्ट्रॉनिक विन्यास-
समूह 16 के तत्वों की बाह्य कक्ष संरचना ns2np4 प्रकार की होती है| इनके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्न प्रकार हैं-
(b) भौतिक गुण-
(1) भौतिक अवस्था तथा आण्विक संरचना-
ऑक्सीजन एक गैस है जबकि समूह के अन्य सभी तत्व सामान्य ताप पर ठोस अवस्था में पाए जाते हैं| इसका कारण यह है कि ऑक्सीजन अणु द्विपरमाण्विक होता है जबकि अन्य तत्वों के अणु अधिक जटिल होते हैं; जैसे- S8
(2) परमाणु एवं आयनिक त्रिज्या-
समूह 16 के तत्वों की परमाणु त्रिज्याएँ समूह 15 के संगत तत्वों के परमाणु त्रिज्याओं की तुलना में कम होती है| समूह में आगे बढ़ने पर इन तत्वों की परमाणु व आयनिक त्रिज्या में वृद्धि होती है|
(3) घनत्व-
समूह में आगे बढ़ने पर इन तत्वों के घनत्व में क्रमशः वृद्धि होती है|
(4) गलनांक और क्वथनांक-
समूह में आगे बढ़ने पर इन तत्वों के गलनांको व क्वथनांको में क्रमिक वृद्धि होती है| लेकिन पोलोनियम के गलनांक और क्वथनांक सेलेनियम की तुलना में कम होते हैं इसका कारण निष्क्रिय युग्म प्रभाव है|
(5) आयनन ऊर्जा-
समूह 16 के तत्वों की आयनन ऊर्जाओं के मान काफी अधिक होते हैं| इसका कारण यह है कि परमाणु आकार कम होने के कारण इनके नाभिकीय आवेश अधिक होते हैं|
समूह में आगे बढ़ने पर इन तत्वों की आयनन ऊर्जा निरंतर कम होती जाती है क्योंकि परमाणु आकार में वृद्धि होती है|
(6) विद्युत ऋणात्मकता-
समूह 16 के तत्वों की विद्युत ऋणात्मकता का मान समूह 15 के तत्वों की तुलना में अधिक होता है| ऑक्सीजन आवर्त सारणी का दूसरा सर्वाधिक विद्युत ऋणात्मक तत्व है (फ्लोरीन विद्युत ऋणात्मकता में प्रथम स्थान पर है)
समूह में आगे बढ़ने पर विद्युत ऋणात्मकता कम होती जाती है|
(7) ऑक्सीकरण अवस्थाये-
समूह 16 के सभी तत्व -2 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करते हैं| इसके अतिरिक्त ऑक्सीजन में +2, व -1 अवस्थाएं भी प्रदर्शित होती हैं| सल्फर तथा समूह के अन्य भारी तत्व +2, +4 तथा +6 ऑक्सीकरण अवस्था में भी प्रदर्शित करते हैं| इनकी +4 तथा +6 अवस्थाएं अधिक स्थिर हैं|
(8) धात्विक लक्षण-
समूह 16 के तत्वों में धात्विक लक्षण बहुत कम पाए जाते हैं| लेकिन समूह में आगे बढ़ने पर धात्विक लक्षणों में वृद्धि होती है| ऑक्सीजन तथा सल्फर अधातु हैं, सैलेनियम तथा टेल्यूरियम उपधातु हैं, जबकि पोलोनियम धात्विक प्रकृति का होता है|
(9) श्रृंखलाबद्धता-
ऑक्सीजन में श्रृंखलित होने की प्रवृत्ति अधिक नहीं होती है सल्फर में श्रृंखलित होने की प्रवृत्ति अधिक पाई जाती है| समूह के अन्य तत्वों में यह प्रवृत्ति बहुत कम पाई जाती है|
(10) अपररूपता-
इस समूह के सभी तत्व अपरूपता प्रदर्शित करते हैं| ऑक्सीजन दो अपररूपों O2 तथा O3 के रूप में पाया जाता है| सल्फर अनेक अपररूपों जैसे- मोनोक्लिनिक सल्फर, रोंबिक सल्फर, प्लास्टिक सल्फर आदि रूपों में पाया जाता है| सैलेनियम 6 अपररूपों में पाया जाता है जबकि टेल्युरियम तथा पोलोनियम में से प्रत्येक के दो अपररूप पाए जाते हैं|