(Order of a reaction)-
किसी अभिक्रिया के वेग नियम में निहित किसी अभिकारक विशेष के सांद्रण की घात को उस अभिकारक के सापेक्ष अभिक्रिया की कोटि कहा जाता है तथा वेग नियम में निहित सभी अभिकारकों के सांद्रणों की घातों के योग को अभिक्रिया की कुल कोटि कहा जाता है|
जैसे, माना कि एक सामान्य अभिक्रिया
aA + bB + cC ----> product
के प्रायोगिक रूप से प्राप्त वेग नियम को निम्न प्रकार व्यक्त किया जा सकता है-
Rate = k [A]p [B]q [C]r
इस वेग नियम में पद p अभिकारक A के सापेक्ष अभिक्रिया की कोटि को व्यक्त करता है| इसी प्रकार q तथा r क्रमशः अभिकारको B तथा C के सापेक्ष अभिक्रिया की कोटि को व्यक्त करते हैं|
अतः,
अभिक्रिया की कुल कोटि = p+q+r
इस अभिक्रिया को A के सापेक्ष p कोटि, B के सापेक्ष q कोटि तथा C के सापेक्ष r कोटि की अभिक्रिया कहा जाएगा तथा अभिक्रिया की कुल कोटि p+q+r होगी |
जब किसी अभिक्रिया के लिए कोटि का मान 1 होता है तो उसे प्रथम कोटि की अभिक्रिया कहा जाता है| यदि कोटि का मान 2 है तो इसे द्वितीय कोटि की अभिक्रिया कहते हैं| इसी प्रकार कोटि का मान 3 होने पर वह तृतीय कोटि की अभिक्रिया कहलाती है |
👉 अभिक्रिया की कोटि पूरी तरह से एक प्रायोगिक मान है इसे अभिक्रिया की संतुलित समीकरण में निहित अभिकारकों की स्टॉयशियोमीट्रिक मानों द्वारा ज्ञात नहीं किया जा सकता है|
👉 अभिक्रिया की कोटि प्रायः पूर्णांक होती है| लेकिन इसका मान 0 तथा प्रभाज में भी हो सकता है|
जैसे-
निम्न अभिक्रिया
2NO + O2 ---> 2NO2
का प्रयोग से प्राप्त वेग नियम निम्न है-
Rate = k [NO]2 [O2]1
अभिक्रिया की कुल कोटि = 2+1=3
अतः यह तृतीय कोटि की अभिक्रिया है|
Question -
अभिक्रिया A+2B ---->C निम्न वेग नियम का पालन करती है-
Rate = k [A]1/2 [B]3/2
इस अभिक्रिया की कोटि क्या है?
Solution -
इस अभिक्रिया के लिए वेग नियम निम्न है-
Rate = k [A]1/2 [B]3/2
A के सापेक्ष अभिक्रिया की कोटि= 1/2
बी के सापेक्ष अभिक्रिया की कोटि= 3/2 अभिक्रिया की कुल कोटि = 1/2 + 3/2
= 2
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