Advance Chemistry : एल्कोहॉलों के रासायनिक गुण

Thursday, August 20, 2020

एल्कोहॉलों के रासायनिक गुण

एल्कोहॉलों के रासायनिक गुण
(Chemical properties of alcohols )-
सामान्यतः एल्कोहॉलों  की क्रियाओं को निम्नलिखित दो  वर्गों में विभाजित किया जाता है-
(A) अभिक्रियायें  जिनमें O-H आबंध का विदलन होता है
(B) अभिक्रियायें  हैं जिनमें C-OH आबंध का विदलन होता है


(A) अभिक्रियायें  जिनमें O-H आबंध का विदलन होता है
(1) धातुओं  के साथ क्रियायें -
ऐल्कोहॉल  सक्रिय धातु जैसे सोडियम, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, एलुमिनियम आदि से क्रिया करके हाइड्रोजन मुक्त करता है तथा निर्मित योगिक ऐल्कॉक्साइड कहलाते हैं|
2CH3OH + 2Na ------> 2CH3ONa +H2

2CH3CH2OH + Mg  ------> (CH3CH2O)2Mg +H2


(2) धात्विक हाइड्राइडों से क्रिया-
अल्कोहल धात्विक  हाइड्राइडों  से क्रिया करके ऐल्कॉक्साइड बनाते हैं तथा हाइड्रोजन गैस मुक्त होती है|
CH3OH + NaH  ------> CH3ONa +H2

CH3CH2OH + NaH  ------> CH3CH2ONa +H2

(3) कार्बोक्सीलिक अम्लों के साथ क्रिया ( एस्टरीकरण )-
अल्कोहल कार्बोक्सीलिक  अम्ल से क्रिया करके एस्टर बनाते हैं| इस प्रक्रिया को एस्टरीकरण कहते हैं| यह उत्क्रमणीय क्रिया होती है तथा इसे उपयुक्त उत्प्रेरक (सांद्र H2SO4, शुष्क HCl गैस आदि) की उपस्थिति में कराते हैं|
CH3-COOH + HOC2H5 <====> CH3-COOC2H5
जब HCl गैस का प्रयोग उत्प्रेरक के रूप में किया जाता है तब यह क्रिया फिशर-स्पीयर एस्टरीकरण कहलाती है|

(4) ग्रिगनार्ड अभिकर्मक के साथ क्रिया-
अल्कोहल ग्रिगनार्ड अभिकर्मक से क्रिया करके एल्केन बनाते हैं|
CH3O-H + C2H5-MgBr -----> C2H6 + Mg(OCH3)Br 


(B) अभिक्रियायें  हैं जिनमें C-OH आबंध का विदलन होता है-
(1) हैलोजन अम्लों की क्रिया-
अल्कोहल हैलोजन अम्ल से क्रिया करके हैलोएल्केन तथा जल बनाते हैं| हैलोजन अम्लों  की क्रियाशीलता का क्रम निम्न है-
HI > HBr > HCl 
(A)  HCl के साथ क्रिया-
कम क्रियाशीलता के कारण 1° तथा 2°अल्कोहलों तथा HCl की क्रिया के लिए कुछ उत्प्रेरक (निर्जल ZnCl2) की आवश्यकता होती है लेकिन 3° अल्कोहलों  की क्रिया के लिए उत्प्रेरक की आवश्यकता नहीं होती है|

CH3CH2OH + HCl   ------> CH3CH2Cl  +H2O 

(B)  HBr  के साथ क्रिया-
प्राथमिक अल्कोहलों के लिए उत्प्रेरक के रूप में सांद्र H2SO4 की सूक्ष्म मात्रा की आवश्यकता होती है जबकि द्वितीयक  तथा तृतीयक  अल्कोहलों  के लिए सांद्र H2SO4 की आवश्यकता नहीं होती है|
                                    सांद्र H2SO4
CH3CH2OH + HBr    ---------------> CH3CH2Br   +H2O 

(C)  HI के साथ क्रिया-
एल्किल आयोडाइड बनते हैं|
CH3CH2OH + HI   ------> CH3CH2I  +H2O 

(2) फास्फोरस हैलाइडों  के साथ क्रिया-
फास्फोरस हेलाइड जैसे- PCl5, PCl3, PBr3 अल्कोहलों  से क्रिया करके संगत हैलोएल्केन या एल्किल हैलाइड बनाते हैं|

CH3CH2OH + PCl5   ------> CH3CH2Cl  + POCl3 + HCl 

 3CH3OH + PCl3   ------> 3CH3Cl  +H3PO3 

(3) थायोनिल क्लोराइड  के साथ क्रिया-
थायोनिल क्लोराइड की पिरीडीन उपस्थिति में अल्कोहल से क्रिया कराने पर क्लोरो एल्केन बनते हैं|

CH3CH2OH + SOCl2   ------> CH3CH2Cl  +HCl + SO2 

(4) अमोनिया के साथ क्रिया-
अल्कोहल तथा अमोनिया की वाष्पों के मिश्रण को 633 K  पर गर्म एलुमिना (Al2O3) पर प्रवाहित करने पर प्राथमिक, द्वितीयक तथा तृतीयक  ऐमीनों का मिश्रण प्राप्त होता है| 

CH3CH2OH + NH3   ------> CH3CH2NH2  +H2O 

CH3CH2NH2 +CH3CH2OH-----> (CH3CH2)2NH  +H2O 

 (CH3CH2)2NH +CH3CH2OH---> (CH3CH2)3N   +H2O 



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