उत्प्रेरण (Catalysis )
रासायनिक अभिक्रियाओं की गति किसी विशिष्ठ पदार्थ की थोड़ी सी मात्रा की उपश्थिति से प्रभावित हो सकती है | इस प्रकार के पदार्थो को उत्प्रेरक कहा जाता है तथा इस घटना को उत्प्रेरण कहते हैं | उत्प्रेरण पद को सर्वप्रथम बर्जीलियस ने सन 1836 में प्रयोग किया था |
(A) धनात्मक उत्प्रेरण ( positive catalysis )-
वे उत्प्रेरक जो अभिक्रिया के वेग को बढ़ा देते हैं उन्हें धनात्मक उत्प्रेरक कहा जाता है तथा इस घटना को धनात्मक उत्प्रेरण कहते हैं |
जैसे -
Pt
2H2O2 --------> 2H2O + O2
(B) ऋणात्मक उत्प्रेरण ( Negative
catalysis )-
वे उत्प्रेरक जो अभिक्रिया के वेग को घटा देते हैं उन्हें ऋणात्मक उत्प्रेरक कहा जाता है तथा इस घटना को ऋणात्मक उत्प्रेरण कहते हैं |
जैसे -
टेट्रा एथिल लेड (TEL ) की उपश्तिथि द्वारा पेट्रोल का अपस्फोटन कम हो जाता है |
उत्प्रेरण के प्रकार ( Types of Catalysis )
(1) समांग उत्प्रेरण (Homogeneous catalysis )--
जब उत्प्रेरक व अभिकारक एक ही प्रावस्था में स्थित होते हैं तथा अभिक्रिया तंत्र पूर्णतः समांग होता है तो इस प्रकार के उत्प्रेरण को समांग उत्प्रेरण कहा जाता है |
जैसे -
NO (g) 2SO2(g) + O2(g)-----------> 2SO3 (g)
(2) विषमांग उत्प्रेरण (Heterogeneous catalysis )--
जब उत्प्रेरक व अभिकारक भिन्न भिन्न प्रावस्था में स्थित होते हैं तथा अभिक्रिया तंत्र पूर्णतः विषमांग होता है तो इस प्रकार के उत्प्रेरण को विषमांग उत्प्रेरण कहा जाता है |
जैसे -
Pt (s) 2SO2(g) + O2(g)-----------> 2SO3 (g)
(3) स्वतः उत्प्रेरण (Auto catalysis )--
जब किसी रासायनिक अभिक्रया में कोई उत्पाद ही उत्प्रेरक का कार्य करता है तो इस घटना को स्वतः उत्प्रेरण कहते हैं |
जैसे -
CH3COOC2H5 + H2O ---------> CH3COOH + C2H5OH
(4) प्रेरित उत्प्रेरण (Induced catalysis )--
जब एक रासायनिक अभिक्रिया सामान्य परिश्थितियों में संपन्न न होने वाली एक अन्य रासायनिक अभिक्रिया के वेग को प्रभावित करती है तो इस घटना को प्रेरित उत्प्रेरण कहा जाता है |
जैसे -
ऑक्सेलिक अम्ल के साथ मरक्यूरिक क्लोराइड का अपचयन
(5) एंजाइम उत्प्रेरण (Enzyme catalysis )--
जब कोई रासायनिक अभिक्रिया किसी एंजाइम के द्वारा उत्प्रेरित होता है तो इसे एंजाइम उत्प्रेरण कहते हैं |
जैसे - टायलिन एंजाइम द्वारा स्टार्च का माल्टोस में परिवर्तन
रासायनिक अभिक्रियाओं की गति किसी विशिष्ठ पदार्थ की थोड़ी सी मात्रा की उपश्थिति से प्रभावित हो सकती है | इस प्रकार के पदार्थो को उत्प्रेरक कहा जाता है तथा इस घटना को उत्प्रेरण कहते हैं | उत्प्रेरण पद को सर्वप्रथम बर्जीलियस ने सन 1836 में प्रयोग किया था |
(A) धनात्मक उत्प्रेरण ( positive catalysis )-
वे उत्प्रेरक जो अभिक्रिया के वेग को बढ़ा देते हैं उन्हें धनात्मक उत्प्रेरक कहा जाता है तथा इस घटना को धनात्मक उत्प्रेरण कहते हैं |
जैसे -
Pt
2H2O2 --------> 2H2O + O2
(B) ऋणात्मक उत्प्रेरण ( Negative
catalysis )-
वे उत्प्रेरक जो अभिक्रिया के वेग को घटा देते हैं उन्हें ऋणात्मक उत्प्रेरक कहा जाता है तथा इस घटना को ऋणात्मक उत्प्रेरण कहते हैं |
जैसे -
टेट्रा एथिल लेड (TEL ) की उपश्तिथि द्वारा पेट्रोल का अपस्फोटन कम हो जाता है |
उत्प्रेरण के प्रकार ( Types of Catalysis )
(1) समांग उत्प्रेरण (Homogeneous catalysis )--
जब उत्प्रेरक व अभिकारक एक ही प्रावस्था में स्थित होते हैं तथा अभिक्रिया तंत्र पूर्णतः समांग होता है तो इस प्रकार के उत्प्रेरण को समांग उत्प्रेरण कहा जाता है |
जैसे -
NO (g) 2SO2(g) + O2(g)-----------> 2SO3 (g)
(2) विषमांग उत्प्रेरण (Heterogeneous catalysis )--
जब उत्प्रेरक व अभिकारक भिन्न भिन्न प्रावस्था में स्थित होते हैं तथा अभिक्रिया तंत्र पूर्णतः विषमांग होता है तो इस प्रकार के उत्प्रेरण को विषमांग उत्प्रेरण कहा जाता है |
जैसे -
Pt (s) 2SO2(g) + O2(g)-----------> 2SO3 (g)
(3) स्वतः उत्प्रेरण (Auto catalysis )--
जब किसी रासायनिक अभिक्रया में कोई उत्पाद ही उत्प्रेरक का कार्य करता है तो इस घटना को स्वतः उत्प्रेरण कहते हैं |
जैसे -
CH3COOC2H5 + H2O ---------> CH3COOH + C2H5OH
(4) प्रेरित उत्प्रेरण (Induced catalysis )--
जब एक रासायनिक अभिक्रिया सामान्य परिश्थितियों में संपन्न न होने वाली एक अन्य रासायनिक अभिक्रिया के वेग को प्रभावित करती है तो इस घटना को प्रेरित उत्प्रेरण कहा जाता है |
जैसे -
ऑक्सेलिक अम्ल के साथ मरक्यूरिक क्लोराइड का अपचयन
(5) एंजाइम उत्प्रेरण (Enzyme catalysis )--
जब कोई रासायनिक अभिक्रिया किसी एंजाइम के द्वारा उत्प्रेरित होता है तो इसे एंजाइम उत्प्रेरण कहते हैं |
जैसे - टायलिन एंजाइम द्वारा स्टार्च का माल्टोस में परिवर्तन
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